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मुंबई, 9 अगस्त (आईएएनएस)| महाराष्ट्र में बीते एक सप्ताह के दौरान बाढ़ से संबंधित कई घटनाओं में करीब 30 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 2.03 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी।
कोंकण डिवीजनल कमिशनर दीपक महैसकर के अनुसार, विभिन्न घटनाओं में सांगली में 12, कोल्हापुर में चार, सतारा में सात, पुणे में छह और सोलापुर में एक व्यक्तियों की मौत हुई है।
वहीं सांगली के ब्रह्मनल गांव में नाव के पलटने से करीब चार-पांच लोग अभी भी लापता हैं। यह घटना एक ग्राम पंचायत द्वारा बचाव नाव पर ओवरलोड करवाने की वजह से हुई, जिसमें 12 लोग डूब गए थे।
दो दिन पहले ही भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने पुणे, सांगली, कोल्हापुर में भारी बारिश होने का रेड अलर्ट जारी किया था।
गुरुवार की रात को भारतीय नौसेना की 12 टीमें सांगली के लिए सड़क मार्ग से रवाना हो चुकी हैं। उनके आज रात तक वहां पहुंचकर बचाव अभियान में भाग लेने की उम्मीद है।
प्रभावित क्षेत्रों का कल हवाई सर्वेक्षण करने के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि इन जिलों में करीब 29,000 लोगों के बाढ़ में फंसने का अनुमान है।
मुंबई, ठाणे, पुणे और अन्य शहरों जैसे केंद्रीय शहरों पर भी बाढ़ का असर पड़ा है। यहां पर लोगों को दूध, फल और सब्जियों की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है।
प्रतिदिन प्रयोग में आने वाली सब्जियों की कीमत जैसे- अदरक 325 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक, 400 रुपये प्रति किलो धनिया, टमाटर 70-100 रुपये प्रति किलोग्राम और मिर्च 300 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच है।
मुंबई और ठाणे जैसे शहर सब्जियों के लिए ठाणे, पालघर, नासिक और ताजे फलों और दूध के लिए अहमदनगर, सतारा, सांगली, कोल्हापुर पर पूरी तरह से निर्भर हैं।
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