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प्रशांत किशोर ने मंगलवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखी टिप्पणी करते हुए सवाल किया कि ‘वह कितने दिनों तक लालू प्रसाद के शासन काल से अपनी तुलना करते रहेंगे।’
पटना में पत्रकारों को संबोधित करते हुए किशोर ने कहा कि बिहार में सुशासन पर बोलने वाला कोई नहीं है। इस कारण, नीतीश ने उसे अपना एकाधिकार बना लिया है।
किशोर ने सवाल किया कि अब लोग यह जानना चाहते हैं कि अगले दस साल में आप (मुख्यमंत्री) बिहार के लिए क्या करेंगे? लालू जी के शासनकाल की तुलना में बिहार कहां खड़ा है, यह जरूर बताएं। लेकिन साथ ही बताएं कि महाराष्ट्र, हरियाणा और कर्नाटक के मुकाबले बिहार कहां है।
उन्होंने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘कब तक कहते रहेंगे 2005 में बिजली नहीं थी और अब आ गयी। अब ऐसा भी कुछ करें कि लोग गुजरात के सूरत से रोजगार खोजने बिहार आएं।’’
उन्होंने नीतीश के शासनकाल में हुए विकास को अपर्याप्त बताते हुए कहा, ‘‘अगर 15 साल में बहुत तरक्की हुई है तो यहां के लोग रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में क्यों जा रहे हैं? आप कब तक कहते रहेंगे कि पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के समय में शाम छह बजे पटना में लोग निकलना छोड़ देते थे और अब शहर रात 10 बजे तक खुला रहता है।’’
उन्होंने कहा, लोग अब यह देखना चाहते हैं कि जब मुंबई पूरी रात खुली रह सकती है तो पटना क्यों नहीं ?
किशोर ने कहा कि बिहार में हालात तब बदलेंगे जब राज्य का अपना एक सशक्त राजनीतिक नेतृत्व होगा। उन्होंने कहा, ‘‘दूसरे का पिछलग्गू बना हुआ नेतृत्व बिहार की स्थिति को नहीं बदल सकता।’’
किशोर ने कहा कि नीतीश के साथ मतभेद के दो कारण रहे हैं। पहला -विचारधारा और दूसरा- राजग में उनका स्थान।
उन्होंने कहा, ‘‘नीतीश से जब भी बात होती थी वह कहते कि हम गांधी, जयप्रकाश नारायण और राममनोहर लोहिया को नहीं छोड़ सकते। लेकिन मेरी दुविधा यह है कि वैसे तो आप पूरे बिहार में गांधी के उपदेशों का शिलापट्ट लगवा रहे हैं। बच्चों को गांधी के बारे में बता रहे हैं। लेकिन, साथ ही आप गोडसे के साथ खड़े हुए लोगों या उस विचारधारा से इत्तेफाक रखने वालों के साथ हैं।’’
किशोर ने कहा कि मतभेद की दूसरी वजह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में नीतीश के स्थान को लेकर है। वह पिछले 15 साल से भाजपा के साथ गठबंधन में हैं। लेकिन, 2004 में राजग में उनके स्थान और आज गठबंधन में उन्हें मिली जगह में जमीन-आसमान का फर्क है।
किशोर ने शराबबंदी के बावजूद राज्य में शराब उपलब्ध होने का आरोप लगाते हुए कहा कि शिक्षा के मानक पर झारखंड को छोड़कर बिहार आज भी सबसे निचले स्तर पर है।
उन्होंने कहा, ‘‘ गुजरात के लोगों को ट्विटर और फेसबुक बिहार वालों ने सिखाया। आप (मुख्यमंत्री) स्वयं ट्विटर पर हैं। साढ़े चार करोड़ लोग आपको फॉलो कर रहे हैं। रोज आप अपनी बैठक की तस्वीर ट्विटर पर साझा कर रहे हैं। लेकिन, बिहार का कोई लड़का अगर ट्विटर का उपयोग कर रहा है तो आप उसका मजाक बना रहे हैं।’’
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