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मोदी खुद को बदलाव के वाहक के रूप में पेश किया

मोदी खुद को बदलाव के वाहक के रूप में पेश किया

IANS
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मोदी खुद को बदलाव के वाहक के रूप में पेश किया
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नई दिल्ली, 15 अगस्त (आईएएनएस)| 2019 लोकसभा चुनाव से पहले, मोदी ने बुधवार को खुद को बदलाव के वाहक के रूप में पेश किया और कांग्रेस नीत संप्रग सरकार पर 'शासन की विफलता' के लिए निशाना साधा।

उन्होंने साथ ही देश को नई ऊंचाई पर ले जाने के अपने अभियान के तहत सभी के लिए आवास, बिजली, पेयजल स्वास्थ्य सुविधा और स्वच्छता का वादा भी किया। प्रधानमंत्री ने भारतीय जनसंघ के संस्थापक पंडित दीन दयाल उपाध्याय की 102वीं जयंती के अवसर पर 25 सितंबर को अपनी महत्वाकांक्षी जन आरोग्य अभियान(पीएमजेएए) को लांच करने की घोषणा की। इस योजना के तहत 10 करोड़ परिवारों को 5 लाख रुपये तक की स्वास्थ्य बीमा कवरेज मुहैया कराई जाएगी।

लाल किले की प्राचीर से चुनावी अंदाज में मोदी ने उनकी सरकार द्वारा दलितों, युवाओं, किसानों, जनजातीय, मछुआरों, सुरक्षाबलों, मध्यवर्गो, ऊपरी मध्य वर्गो के लिए किए गए काम के बारे में बताया। इसके साथ ही उन्होंने इनलोगों खासकर गरीबों के जीवनस्तर को बेहतर बनाने के अपने प्रयास के बारे में बताया।

2019 लोकसभा चुनाव से पहले अपने अंतिम स्वतंत्रता दिवस भाषण में मोदी ने कहा, उनके खिलाफ 'मूर्खतापूर्ण' आलोचना किया जाता है और कहा कि मैं अधीर और बिना थके गरीबी को समाप्त करने व सभी तरह के विकास लाने का वाहक हूं। बीते दो वर्षो में 5 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर लाया गया है।

अपने 80 मिनट के भाषण में मोदी ने हालांकि पाकिस्तान समेत विदेश नीति

के मामले में, लिंचिंग की हालिया घटनाओं, नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस और राफेल जेट करार से उठे विवाद के बारे में कुछ नहीं बोला।

बिहार व उत्तरप्रदेश के आश्रयगृहों में दुष्कर्म व यौन उत्पीड़न के मामले में चुप्पी को तोड़ते हुए मोदी ने कहा कि इस तरह की मानसिकता पर कानून का भय दिखाकर हमला करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कानून सबसे बड़ा है और कोई भी इसे अपने हाथ में नहीं ले सकता।

जम्मू एवं कश्मीर के बारे में बोलते हुए, मोदी ने गत वर्ष 15 अगस्त को दिए अपने वक्तव्य को दोहराया, जिसमें उन्होंने कहा था कि कश्मीर समस्या का समाधान केवल वहां के लोगों को गले लगाकर हो सकता है, न कि बुलेट व दुर्व्यवहार से।

यहां लाल किला पर अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में उन्होंने कहा, मैं सभी लोगों को आवास, सभी को ताकत देने, सभी को स्वच्छ घरेलू गैस, सभी के लिए पानी, सभी के लिए स्वच्छता, सभी के लिए कौशल, सभी के लिए बीमा, सभी के लिए संपर्क की प्रतिबद्धता दोहराता हूं। हमें इन कार्यक्रमों के साथ आगे बढ़ना है।

उन्होंने कहा, लोग मेरी आधारहीन आलोचना करते हैं। लेकिन जो कुछ भी कहा जाए, मैं सार्वजनिक रूप से बताना चाहता हूं कि मैं अधीर हूं क्योंकि कई देश आगे बढ़ गए हैं और मैं अपने देश को उनसे आगे ले जाना चाहता हूं। मैं अधीर हूं क्योंकि बच्चे अभी भी कुपोषण से जूझ रहे हैं। मैं देशवासियों को गुणवत्तापूर्ण जीवन देने के लिए बेताब हूं। मैं स्वास्थ्य कवर सभी गरीबों को मुहैया कराने के लिए अधीर हूं ताकि वह बीमारियों से लड़ सकें। मैं बैचेन हूं क्योंकि हमें ज्ञान आधारित चौथे औद्योगिक क्रांति की अगुवाई करनी है।

उन्होंने कांग्रेस का नाम लिए बिना उस पर हमला करते हुए कहा, अगर 2013 की गति से टॉयलेट का निर्माण होता तो, वर्तमान स्थिति में पहुंचने में कई दशक लग जाते। गरीब महिलाओं को एलपीजी गैस मुहैया कराने में 100 वर्ष लग जाते। बहुत सारी अपेक्षाएं हैं, बहुत जरूरतें हैं। देश बीते चार वर्षो में बदलाव महसूस कर रहा है।

उन्होंने कहा कि दुनिया ने यह स्वीकार कर लिया था कि भारत 'नीति अपंगता' और 'देरी से सुधार' लाने का पर्यायवाची बन गया है।

लेकिन अब दुनिया कह रही है कि भारत में नीतिगत फैसले 'रिफार्म, परफोर्म और ट्रांसफार्म' नियम से लिए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा, भारत इस समय दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। 2013 के पहले, संस्थान और अर्थशास्त्री भारत को एक जोखिम भरी अर्थव्यवस्था मानते थे, लेकिन आज वही संस्थान व अर्थशास्त्री विश्वास के साथ कह रहे हैं कि सुधार ने भारत को नई गति और मजबूत बुनियाद प्रदान किया है।

(ये खबर सिंडिकेट फीड से ऑटो-पब्लिश की गई है. हेडलाइन को छोड़कर क्विंट हिंदी ने इस खबर में कोई बदलाव नहीं किया है.)

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