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भोपाल, 2 दिसंबर (आईएएनएस)| भारतीय जनता पार्टी की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष राकेश सिंह ने एक बयान जारी कर कहा है कि कांग्रेस को हार का डर सता रहा है, लिहाजा वह ईवीएम पर मतदान के दिन से ही दोष मढ़ने लगे हैं। सिंह ने रविवार को बयान जारी कर कहा कि कांग्रेस का यह इतिहास रहा है कि वह संवैधानिक संस्थाओं पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष आरोप लगाकर उनकी गरिमा को भंग करती रहती है। संवैधानिक व्यवस्था के तहत चुनाव आचार संहिता के दौरान सारा नियंत्रण चुनाव आयोग के पास होता है। किसी राजनीतिक दल अथवा सरकार का चुनाव संचालन और अन्य व्यवस्थाओं में कोई दखल नहीं होता। इसके बावजूद कांग्रेस अनर्गल प्रलाप कर भ्रम की स्थिति पैदा कर रही है।
सिंह ने विज्ञप्ति में कहा कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस के नेताओं को पता है कि वह बुरी तरह हार का सामना करने वाले हैं, इसलिए कांग्रेस के लोगों ने मतदान के दिन से ही ईवीएम को लेकर प्रलाप करना शुरू कर दिया है। यह कांग्रेस का शगल बन गया है कि, जब हार रहे हैं तो ईवीएम को दोष देना शुरू कर दो और जब जीत रहे हैं तो ईवीएम पर चुप्पी साधे रहो। सिंह ने प्रश्न किया है कि, यदि ईवीएम कांग्रेस के विरुद्ध ही चलती है तो पंजाब में कांग्रेस की सरकार कैसे बनी ? यदि ईवीएम भारतीय जनता पार्टी के समर्थन में ही काम करती है तो फिर भाजपा को किसी भी चुनाव क्षेत्र में पराजित नहीं होना चाहिए। सच्चाई यह है कि कांग्रेसी घपले घोटालों के अपने काले अध्याय से बाहर नहीं आना चाहते हैं।
सिंह का आरोप है कि चुनाव से पूर्व ही कांग्रेस ने चुनाव आयोग के विरुद्ध वातावरण बनाना शुरू कर दिया था। चुनाव आयोग पर फर्जी मतदाता सूची जैसे गंभीर आरोप लगाए गए, लेकिन आयोग ने जब पूरी सतर्कता और परिश्रम के साथ इस मतदाता सूची का परीक्षण निरीक्षण कराया तो फर्जी मतदाता नाम का कोई व्यक्ति प्राप्त नहीं हुआ। कांग्रेस ने इस मोर्चे पर भी बुरी तरह मुंह की खाई, लेकिन उसके बाद भी कांग्रेस नए-नए विषय रोज लेकर आती है।
कांग्रेस द्वारा कई स्थानों पर ईवीएम के मतदान के दो से तीन दिन बाद पहुंचने पर भाजपा व सरकार पर मिली भगत का आरोप लगाए जाने पर सिंह ने कहा कि, ईवीएम के लेट पहुंचने का या समय पर पहुंचने का विषय है तो इसका भाजपा या सरकार से क्या लेना देना है। सारी व्यवस्थाएं चुनाव आयोग के अधीन होने के कारण चुनाव आयोग को लापरवाही के विरुद्ध जो कार्यवाही करना चाहिए, करता ही है और कर भी रहा है।
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