Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019प्रदूषण बढ़ने पर डॉक्टरों की सलाह,मास्क पहनें,मॉर्निंग वॉक से बचें

प्रदूषण बढ़ने पर डॉक्टरों की सलाह,मास्क पहनें,मॉर्निंग वॉक से बचें

चिकित्सकों का कहना है कि सुबह और शाम के वक्त हवा में प्रदूषक तत्वों की मौजूदगी सबसे ज्यादा रहती है

भाषा
न्यूज
Updated:
चिकित्सकों का कहना है कि सुबह और शाम के वक्त हवा में प्रदूषक तत्वों की मौजूदगी सबसे ज्यादा रहती है
i
चिकित्सकों का कहना है कि सुबह और शाम के वक्त हवा में प्रदूषक तत्वों की मौजूदगी सबसे ज्यादा रहती है
(फाइल फोटो: PTI)

advertisement

दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार ‘गंभीर’ श्रेणी में बने रहने के साथ ही चिकित्सकों ने बुधवार को लोगों को कई तरह के एहतियाती कदम उठाने की सलाह दी है। इनमें मास्क पहनने और सुबह एवं शाम की सैर से परहेज शामिल हैं। चिकित्सकों का कहना है कि सुबह और शाम के वक्त हवा में प्रदूषक तत्वों की मौजूदगी सबसे ज्यादा रहती है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक वायु गुणवत्ता सूचकांक सुबह 11 बजे 416 दर्ज किया गया।

यहां सर गंगा राम अस्पताल में फेफड़ों के सर्जन डॉ अरविंद कुमार ने कहा, “प्रत्येक 22 माइक्रोग्राम घन मीटर प्रदूषित हवा का अंदर जाना एक सिगरेट पीने के बराबर है। इसलिए, पीएम 2.5 का स्तर 700 है या 300 यूनिट, प्रभाव बुरा ही रहेगा। लोगों को एहतियात बरतने होंगे खासकर जो लोग दमा, ब्रोंकाइटिस या सांस संबंधी अन्य बीमारियों से पीड़ित हों।”

वायू प्रदूषण के ‘गंभीर’ श्रेणी में बने रहने के साथ ही अन्य अस्पतालों के चिकित्सकों ने भी क्या करें और क्या न करें की सलाह दी है।

शालीमार बाग के फोर्टिस अस्पताल में पल्मोनोलॉजी एंड स्लिप डिसऑर्डर विभाग के प्रमुख डॉ विकास मौर्य ने कहा कि वायु प्रदूषण के इस स्तर से सांस संबंधी समस्याओं के अलावा तुरंत प्रभावित करने वाली कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं।

उन्होंने कहा, “यह सांस संबंधित तंत्र की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है और इससे ब्रोंकाइटिस, एंफिसेमा और यहां तक कि कैंसर जैसी बीमारियां भी हो सकती हैं। फेफड़ों और दिल पर अत्याधिक तनाव पड़ने से शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाने की प्रक्रिया बाधित हो सकती है और फेफड़े तेजी से बूढ़े हो सकते हैं।”

लोगों को सुनिश्चित करना चाहिए कि घर के भीतर वायु प्रदूषण न हो और किचन में चिमनी और बाथरूम में एक्जॉस्ट लगे हों।

चिकित्सकों ने लोगों से ज्यादा सावधानी बरतने और सुबह एवं शाम की सैर से बचने को कहा है।

उन्होंने कहा है कि स्कूलों को सुबह-सुबह बाहर सभाएं करने, खेल-कूद की गतिविधियां और अन्य शारीरिक गतिविधियां कराने से बचना चाहिए।

इंडियन स्पाइनल इंजरीज सेंटर में इंटर्नल मेडिसिन के डॉ विजय दत्त ने कहा कि दिवाली के बाद दिल्ली की हवा बेहद खतरनाक हो गई है और प्रदूषक तत्व सभी को नुकसान पहुंचाएंगे लेकिन सबसे ज्यादा नुकसान दमा के मरीजों, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों पर पड़ेगा।

उन्होंने एन95/एन99/एफएफपी3 या ‘एनआईओएसएच से मान्यता प्राप्त’ मास्क पहनने की सलाह दी है। साथ ही कार्डियो कसरत न करने की सलाह दी है। इनसे सांस संबंधी बीमारियां होने का खतरा बढ़ सकता है क्योंकि इस दौरान शरीर को ज्यादा ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है।

साथ ही उन्होंने शरीर में पानी की कमी नहीं होने देने को अहम बताया है और सब्जियों एवं फलों के जूस के साथ ही ज्यादा से ज्यादा पानी पीने की सलाह दी है।

डॉक्टर ने परिवार में किसी को सांस संबंधी बीमारी होने की सूरत में एलर्जी किट भी तैयार रखने की सलाह दी है जिसमें दवाएं, इनहेलर और नेबुलाइजर हो।

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 01 Jul 2019,11:23 AM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT