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मुंबई में बढ़ते कोरोना केस पर क्या है तैयारी, BMC के सुरेश काकानी से खास बातचीत

बीएमसी के अतिरिक्त आयुक्त सुरेश काकानी से क्विंट की खास बातचीत

ऋत्विक भालेकर
न्यूज
Published:
<div class="paragraphs"><p>बीएमसी के अतिरिक्त आयुक्त सुरेश काकानी से क्विंट की खास बातचीत</p></div>
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बीएमसी के अतिरिक्त आयुक्त सुरेश काकानी से क्विंट की खास बातचीत

(Photo: Quint)

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देश की आर्थिक राजधानी मुंबई (Mumbai) में कोरोना (coronavirus) का विस्फोट देखने को मिल रहा है. 7 जनवरी को मुंबई में सिर्फ 24 घंटे में 20,971 मामले सामने आए है. 6 जनवरी को मुंबई ने 20 हजार का आंकड़ा पर किया था. पिछले दो लहर से मुंबई कोरोना का सबसे बड़ा केंद्र बनता नजर आया. अब तीसरी लहर की तरफ बढ़ते हुए फिर एक बार मुंबई कोरोना के आंकड़ों के सारे रिकॉर्ड तोड़ रहा है.

कोरोना से निपटने को पिछले लहर से ज्यादा इंतजाम

हालांकि पिछले लहर में डेल्टा वैरिएंट ने कहर मचाया था. इस बार ओमिक्रोन वैरिएंट का खतरा मंडरा रहा हैं. लेकिन पिछली लहर की तुलना में BMC ने इस बार कोरोना से दो हाथ करने के लिए पुख्ता इंतजाम कर रखे हैं. BMC के अतिरिक्त आयुक्त सुरेश काकानी ने प्रशासन की तैयारियों के बारे में क्विंट हिंदी से खास बातचीत की है.

सुरेश काकानी का कहना है कि घनी आबादी और बड़ी संख्या में आवागमन की वजह से मुंबई में कोरोना के केसेस तेजी से बढ़ते नजर आते हैं. इसीलिए BMC हाई रिस्क देशों से आनेवाले यात्रियों की स्क्रीनिंग सुर टेस्टिंग पर जोर दे रहा है. साथ ही हॉस्पिटल्स में बेड्स की संख्या, ऑक्सीजन और दवाइयों की आपूर्ति पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.

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मुंबई में फिलहाल लॉकडाउन का कोई प्लान नहीं 

काकानी ने आगे बताया कि बाकी शहरों में हॉस्पिटल स्टाफ के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए BMC ने भर्ती प्रक्रिया शुरु कर दी है. ताकि मरीजों की संख्या बढ़ने पर ओपीडी और इपीडी सेवा बाधित ना हो और पर्याप्त मैनपावर उपलब्ध हो. हालांकि दूसरे लहर के मुकाबले इस बार हॉस्पिटल में भर्ती होने की संख्या बहोत कम हैं और फिलहाल लॉकडाउन लगाने का विचार नहीं है.

फिलहाल मुंबई में 80% बेड्स खाली पड़े है तो वही 90% संक्रमित असिम्प्टोमैटिक पाए गए हैं. जिसमे अबतक बचे 35 हजार बेड्स में से भी सिर्फ 7 हजार बेड्स ऑक्युपाई हुए है.स्वास्थ्य व्यवस्था को देखते हुए फिलहाल लॉकडाउन लगाने का कोई विचार नहीं है. लेकिन हर दो दिनों में स्थिति का जायजा लेकर जरूरत पड़ने पर कठोर निर्णय लिया जा सकता हैं.
सुरेश काकानी, BMC के अतिरिक्त आयुक्त

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