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बॉम्बे हाईकोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए हाजी अली दरगाह में महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी हटा दी है.
अदालत ने महिलाओं के दरगाह के भीतर जाने पर प्रतिबंध को गैरकानूनी करार दिया है. हाजी अली में प्रवेश के मामले पर जाकिया सोमन ने अर्जी दाखिल की थी. उनकी तरफ से वकील राजू मोरे ने पैरवी की थी.
फैसला आने के बाद जाकिया ने कहा कि वे बेहद खुश हैं और ऐसे फैसलों से मुस्लिम महिलाओं को न्याय मिलेगा.
भूमाता बिग्रेड की चीफ और महिला अधिकार कार्यकर्ता तृप्ति देसाई ने भी फैसले पर प्रतिक्रिया दी है. तृष्टि ने कहा कि यह एक ऐतहासिक फैसला है और वे हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करती हैं. उनके मुताबिक यह महिलाओं की बड़ी जीत है.
वहीं दरगाह ट्रस्ट ने फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया है.
इससे पहले तक हाजीअली दरगाह में महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी थी. इसे लेकर हाल तक कई बार विरोध प्रदर्शन भी हुए हैं. तृप्ति देसाई ने शनि शिंगणापुर के बाद हाजी अली में भी घुसने की कोशिश की थी. हालांकि वो सफल नहीं हो पाई थीं.
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