Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019नेपाल की अधिकारी ने चलाया माहवारी झोपड़ी परंपरा मिटाने का अभियान

नेपाल की अधिकारी ने चलाया माहवारी झोपड़ी परंपरा मिटाने का अभियान

नेपाल की अधिकारी ने चलाया माहवारी झोपड़ी परंपरा मिटाने का अभियान

IANS
न्यूज
Published:
नेपाल की अधिकारी ने चलाया माहवारी झोपड़ी परंपरा मिटाने का अभियान
i
नेपाल की अधिकारी ने चलाया माहवारी झोपड़ी परंपरा मिटाने का अभियान
null

advertisement

 काठमांडू, 25 जनवरी (आईएएनएस)| नेपाल की एक अधिकारी ने माहवारी झोपड़ी की सदियों पुरानी परंपरा मिटाने के लिए एक अभियान शुरू किया है।

 दरअसल, नेपाल में माहवारी के दौरान महिलाओं को जबरन घर से अलग एक कुटिया में समय बिताने की परंपरा रही है। इसी महीने बाजुरा जिले में ऐसी ही एक कुटिया में एक महिला और उसके दो बच्चे मृत पाए गए। इस घटना के बाद अधिकारी ने यह अभियान चलाया है।

काठमांडू से 720 किलोमीटर दूर बाजुरा जिला स्थित बुदिनंदा नगरपालिका की उपमहापौर सृष्टि रेग्मी ने बताया, "झोपड़ी की परंपरा अवैध धाíमक परंपरा है, जिसमें अनेक महिलाओं की मौत हो चुकी है। इस आरोपित आस्था का अंत होना चाहिए।"

आठ जनवरी की रात अंबा बोहरा को बिना खिड़की की मिट्टी और पत्थर से निर्मित एक झोपड़ी रहने को दी गई थी। उसे माहवारी के कारण उसमें ठहराया गया था। उसने खुद को और अपने नौ साल और 12 साल के दो बेटों को गर्म करने के लिए आग जलाई थी।

बोहरा की सास ने जब अगले दिन झोपड़ी का दरवाजा खोला तो तीनों की मौत हो चुकी थी।

पुलिस के अनुसार, दम घुटने से उनकी मौत हुई थी, क्योंकि झोपड़ी में धुआं निकलने का कोई मार्ग नहीं था।

रेग्मी (26) बाजुरा स्थित अपने निर्वाचन क्षेत्र और जिले के दूर-दराज के हर गांव में जाकर इन झोपड़ियों को तोड़ेंगी।

नेपाल में सदियों से माहवारी के दौरान महिलाओं और लड़कियों को उनके घरों से अलग झोपड़ियों में ठहराने की परंपरा है, हालांकि सर्वोच्च न्यायालय ने 2005 में इस परंपरा पर रोक लगा दी थी।

अगस्त 2017 में नेपाल सरकार ने इसे आपराधिक कृत्य करार देते हुए तीन महीने कारावास और 3,000 नेपाली रुपये जुर्माने का प्रावधान किया था।

उपमहापौर ने विभिन्न नगरपालिकाओं में अब तक 80 माहवारी झोपड़ियां तुड़वाई हैं।

उन्होंने कहा, "सदियों पुरानी इस परंपरा को कम समय में समाप्त करना चुनौतीपूर्ण है, लेकिन यह असंभव नहीं है।"

(ये खबर सिंडिकेट फीड से ऑटो-पब्लिश की गई है. हेडलाइन को छोड़कर क्विंट हिंदी ने इस खबर में कोई बदलाव नहीं किया है.)

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT