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सीबीआई की अदालत ने नोएडा के बहुचर्चित निठारी कांड के नौवें मामले में कोठी के नौकर सुरेंद्र कोली और मालिक मोनिंदर सिंह पंढेर को गुरुवार को दोषी करार दिया. अदालत दोषियों को शुक्रवार को सजा सुनाएगी.
कड़ी सुरक्षा के बीच में दोनों को अदालत में पेश किया गया. अदालत ने मोनिंदर और कोली को 376, 302, 201 जैसी धाराओं के तहत दोषी माना. इस मामले में आरोपी नौकर कोली अकेला ऐसा शख्स है, जिसे सबसे ज्यादा बार फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है.
सीबीआई के विशेष न्यायधीश ने नौकर कोली और कोठी के मालिक मोनिंदर को नौवें मामले में दोषी माना. इससे पहले आठ मामलों में कोली को मौत की सजा सुनाई जा चुकी है.
मामला पिंकी सरकार नाम की एक 20 साल की लड़की के रेप और हत्या का है. कोर्ट ने इसे रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस माना था. पिंकी घरेलू नौकर के रूप में काम करती थी. 5 अक्टूबर 2006 को वो नोएडा सेक्टर 30 से काम के बाद घर लौट रही थी. इसी दौरान वो गायब हो गई. बाद में उसका कंकाल पंढेर के घर से बरामद किया गया था. डीएनए मैचिंग के जरिए पिंकी की पहचान हो सकी थी.
निठारी कांड में कुल 16 मामलों में केस दर्ज किए गए थे. इनमें से सिर्फ 5 में पंढेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोली, दोनों को आरोपी बनाया गया है, बाकी मामलों में सिर्फ कोली ही आरोपी है. मोनिंदर पंढेर की 2006 में गिरफ्तारी हुई थी. फरवरी 2009 में एक केस में उसे कोली के साथ मौत की सजा दी गई. लेकिन 2014 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पंढेर की सजा खत्म कर दी और उसे बेल भी दे दी. हाईकोर्ट ने सुरेंद्र कोली की सजा बरकरार रखी थी.
नोएडा के निठारी में एक कोठी में 2005 से 2006 के बीच 19 महिलाओं और बच्चों की हत्याएं की गई थीं. सीबीआई के मुताबिक, कोली पीड़तों को अपने मालिक पंढेर के घर में काम पर या किसी बहाने बुलाता था. बाद में उनका रेप कर हत्या कर देता था. फिर उनके शरीर के टुकड़े कर उन्हें बैग में भर पंढेर के घर के पिछवाड़े में फेंक देता था.
29 दिसंबर 2006 को पुलिस ने पंढेर के घर छापेमारी में कुल 19 महिलाओं और बच्चों के कंकाल बरामद किए थे. निठारी हत्याकांड के सामने आने के बाद देश भर में विरोध प्रदर्शन हुए थे. कुल 19 हत्याओं में तीन में सबूतों की कमी के चलते केस नहीं चलाया गया.
(इनपुट भाषा से)
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