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इंदौर से करीब 250 किलोमीटर दूर कट्ठीवाड़ा से वास्ता रखने वाले शिवराज सिंह जाधव ‘नूरजहां’ को लेकर परेशान हैं.
उनका कहना है कि ‘नूरजहां’ की परवरिश में उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी. लेकिन ‘नूरजहां’ की सेहत में फिर भी दम पड़ता नजर नहीं आ रहा.
कई साल पहले ‘नूरजहां’ को शिवराज ने अफगानिस्तान से मंगवाया था. उसे लाने वालों ने दावा किया था कि ‘नूरजहां’ एक भारी भरकम प्रजाति का आम होता है, जिसकी गुठली का वजन ही 150 से 200 ग्राम के बीच होता है.
लेकिन मध्यप्रदेश के आदिवासी बहुल अलीराजपुर जिले के कट्ठीवाड़ा क्षेत्र में ‘नूरजहां’ पर वो रौनक नहीं आई, जैसी अपेक्षित थी.
इस साल मौसम की मार से आम की इस खास प्रजाति की फसल के घटकर केवल 10 फीसद रह जाने की आशंका है.
आम उत्पादक ने बताया कि नूरजहां के पेड़ों पर गत दिसंबर में बौर आने शुरु हुए थे. इसके फल मई के आखिर तक पककर तैयार होंगे. उन्होंने बताया कि नूरजहां के फल तकरीबन एक फुट तक लंबे हो जाते हैं.
(इनपुट भाषा से)
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