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पाकिस्तान : हिंदू लड़की ने माता-पिता के साथ जाने की इच्छा जताई

पाकिस्तान : हिंदू लड़की ने माता-पिता के साथ जाने की इच्छा जताई

IANS
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पाकिस्तान : हिंदू लड़की ने माता-पिता के साथ जाने की इच्छा जताई
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पाकिस्तान : हिंदू लड़की ने माता-पिता के साथ जाने की इच्छा जताई
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जैकोबाबाद, 7 फरवरी (आईएएनएस)| पाकिस्तान में जबरन धर्मातरण व विवाह की शिकार महक कुमारी नाम की हिंदू लड़की ने अदालत में पेशी के दौरान साफ शब्दों में कहा कि वह अपने तथाकथित पति के बजाए अपने माता-पिता के साथ वापस घर लौटना चाहेगी। पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार को अदालत में पेश चिकित्सकीय दस्तावेजों से यह भी साबित हो गया कि महक नाबालिग है और उसकी उम्र 15 से 16 साल के बीच ही है। सुनवाई के बाद अदालत ने महक को लरकाना स्थित आश्रयगृह भेजने का आदेश दिया और फैसला शुक्रवार तक के लिए सुरक्षित रख लिया।

महक, उसका 'पति' अली रजा सोलंगी और महक के माता पिता अदालत में पेश हुए। अदालत ने महक को सोलंगी और उसके माता-पिता से मिलने के लिए पंद्रह-पंद्रह मिनट का वक्त दिया।

मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि अपने बयान में महक ने अदालत से कहा कि इससे पहले की पेशी में उसने जो बयान दिया था, वह उसे बदलना चाहती है क्योंकि वह बयान उसने भावुकता में आकर दिया था। वह अपने माता-पिता के पास वापस जाना चाहती है। इससे पहले के बयान में उसने कहा था कि वह सोलंगी के साथ रहना चाहती है। उसने यह भी कहा था कि उसे न किसी ने अगवा किया है और न ही उसका जबरन धर्मातरण हुआ है।

लेकिन, गुरुवार की सुनवाई के दौरान महक ने साफ कहा कि वह अपने माता-पिता के पास वापस जाना चाहती है। सुनवाई के दौरान मेडिकल रिपोर्ट भी पेश की गई जिसमें कहा गया कि महक 15 से 16 साल की आयु की है।

महक के घरवालों का कहना है कि उनकी बेटी का अपहरण 15 जनवरी को जैकोबाबाद से किया गया। उसके पिता विजय कुमार ने पुलिस में मामला दर्ज कर कहा था कि सोलंगी ने उनकी बेटी को अगवा कर उससे शादी की है। उन्होंने यह भी कहा था कि उनकी बेटी नाबालिग है और उसकी आयु 15 साल है।

गुरुवार को मामले की सुनवाई के दौरान कट्टरपंथी मुस्लिम संगठनों की तरफ से गड़बड़ी की आशंका के कारण जैकोबाबाद में कड़ी सुरक्षा की गई थी। जमीयते उलेमाए इस्लाम-फजल के नेताओं ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि लड़की ने इस्लाम स्वीकार कर लिया है, उसका नाम अलीजा है और अब इस फैसले को बदलने नहीं दिया जाएगा और उसे वापस उसके माता-पिता के पास नहीं जाने दिया जाएगा।

इन संगठनों की तरफ से किसी भी तरह की हिंसा को रोकने के लिए पुलिस ने अदालत की तरफ जाने वाले रास्तों को कंटीले तार लगाकर रोक दिया था। इसकी वजह से शहर के कई इलाकों में भारी ट्रैफिक जाम देखने को मिला और बड़ी संख्या में लोग समय पर काम पर नहीं पहुंच सके। इस भारी सुरक्षा के बीच, महक को अदालत में पेश किया गया।

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