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इस्लामाबाद, 25 अप्रैल (आईएएनएस)। पाकिस्तान (Pakistan) में उच्च शिक्षा को लेकर भारत के एक सार्वजनिक नोटिस का पाकिस्तान ने कड़ा जवाब दिया है और एडवाइजरी के लहजे को खतरनाक बताया है।
पाकिस्तान विदेश कार्यालय ने इस मामले पर प्रतिक्रिया जारी की, जिसमें पाकिस्तान में उच्च शिक्षा के अनुसरण के संबंध में भारत के विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद द्वारा संयुक्त रूप से जारी सार्वजनिक नोटिस के प्रति असम्मान प्रकट किया गया।
विदेश कार्यालय के बयान में लिखा गया है, पाकिस्तान भारतीय विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद द्वारा जारी तथाकथित सार्वजनिक नोटिस की कड़ी निंदा करता है, जिसमें छात्रों को पाकिस्तान में उच्च शिक्षा नहीं लेने की सलाह दी गई है और उन्हें चेतावनी दी गई है कि यदि वे ऐसा करते हैं तो उन्हें रोजगार से वंचित कर दिया जाएगा।
बयान में आगे कहा गया है, सार्वजनिक नोटिस का लहजा न केवल छात्रों के लिए खतरानाक है, बल्कि यह अत्याचारी अधिनायकवाद का भी प्रतीक है। यह खेदजनक है कि पाकिस्तान के प्रति अपने असाध्य जुनून से प्रेरित होकर भारत सरकार छात्रों को उनकी पसंद की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने से रोकने के लिए बेधड़क दबाव डाल रही है।
पाकिस्तान ने कहा कि भारत द्वारा जारी सार्वजनिक नोटिस भाजपा-आरएसएस गठबंधन की गहरी वैचारिक दुश्मनी और पाकिस्तान के प्रति पुरानी दुश्मनी को उजागर करता है।
विदेश कार्यालय की प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, यह खेदजनक है कि हिंदू राष्ट्र मिशन के हिस्से के रूप में भारत सरकार ने देश में अति-राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने के लिए इस तरह के कदम उठाए हैं।
पाकिस्तान ने सार्वजनिक नोटिस के संदर्भ में भारत सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है, इसे भारत की खुले तौर पर भेदभावपूर्ण और अक्षम्य कार्रवाई करार दिया है।
पाकिस्तान विदेश कार्यालय का बयान भारत द्वारा एक नोटिस के मद्देनजर आया है, जिसमें उसके नागरिकों या विदेशी भारतीय नागरिकों को चेतावनी दी गई है, जो किसी भी पाकिस्तानी शैक्षणिक संस्थान या डिग्री प्रोग्राम में दाखिला लेने का इरादा रखते हैं, वे भारत में रोजगार या उच्च शिक्षा के लिए पात्र नहीं होंगे।
ब्योरे के मुताबिक, सार्वजनिक नोटिस में यह भी अधिसूचित किया गया है कि प्रवासी और उनके बच्चे, जिन्होंने पाकिस्तान में उच्च शिक्षा प्राप्त की थी, वे भारतीय रोजगार प्राप्त करने के पात्र होंगे, बशर्ते उन्हें नागरिकता दी गई हो और सुरक्षा मंजूरी प्राप्त हो।
भारत के सार्वजनिक नोटिस ने पाकिस्तान की प्रतिक्रिया को प्रेरित किया है, जिसमें कहा गया है कि भारत द्वारा इस खुले तौर पर भेदभावपूर्ण और अकथनीय कार्रवाई के जवाब में उचित उपाय करने का अधिकार सुरक्षित है।
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