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अफगानिस्तान के किंगमेकर और ISI प्रमुख फैज हमीद हो सकते हैं अगले सेना प्रमुख

अफगानिस्तान के किंगमेकर और आईएसआई प्रमुख फैज हमीद हो सकते हैं अगले सेना प्रमुख

IANS
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पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के प्रमुख को उनके देश में हिज मास्टर्स वॉयस (एचएमवी) के तौर पर जाना जाता है। हमीद पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा की जगह ले सकते हैं।

तालिबान सरकार के शीर्ष पदों पर पाकिस्तानी सेना के पसंदीदा लोगों को स्थापित करने के बाद, उन्हें अगले साल नवंबर 2022 में सेना के शीर्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।

जैसा कि अपेक्षित था, मिशन काबुल को पूरा करने के बाद, हमीद की तुलना अब पूर्व आईएसआई प्रमुख हामिद गुल से की जा रही है, जिन्हें तालिबान के गॉडफादर के रूप में जाना जाता है। गुल ने समूह तो नहीं बनाया मगर उन्होंने उसका पालन-पोषण जरूर किया। अफगानिस्तान में गुल को कभी-कभी अफगानों का कसाई कहा जाता था। अब एक और हमीद है, जो अफगानिस्तान के पंजशीर में नरसंहार को अंजाम देने में तालिबान का समर्थन और सहायता करने के लिए अफगानों द्वारा तिरस्कृत है। अफगानी लोग उन्हें पंजशीर का कसाई कह रहे हैं। उनके आदेश पर, पाकिस्तानी विशेष बलों ने कथित तौर पर तालिबान के समर्थन में हेलीकॉप्टर गनशिप और ड्रोन उड़ाए, क्योंकि वे पंजशीर घाटी में प्रतिरोध बलों यानी विद्रोही गुट का सफाया करने की कोशिश कर रहे थे।

एक अफगान पत्रकार मुख्तार वफायी कहते हैं, हामिद गुल आईएसआई प्रमुख थे, जब रूस ने 1989 में अफगानिस्तान छोड़ा था और फैज हमीद आईएसआई प्रमुख हैं, जब अमेरिका ने 2021 में अफगानिस्तान छोड़ा है। दोनों कसाई हैं और हमारे देश में गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार हैं।

पाकिस्तान के ट्रिब्यून ने बताया, इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस के महानिदेशक की यात्राओं को आमतौर पर गुप्त रखा जाता है, लेकिन उनकी (हमीद की) काबुल यात्रा के साथ ऐसा नहीं था।

फैज हमीद ने सरकार गठन में आंतरिक मतभेदों को सुलझाने के लिए पिछले हफ्ते मीडिया की मौजूदगी में काबुल में पहुंचने के बाद कहा था, चिंता मत करो, सब कुछ ठीक हो जाएगा। उन्होंने सुनिश्चित किया कि हक्कानी सहित सभी आईएसआई पसंदीदा नेता को सरकार में अहम जिम्मेदारी मिले।

इस पर उनके बॉस जनरल बाजवा खुश थे। आखिरकार, 2019 में उन्होंने लेफ्टिनेंट जनरल असीम मुनीर की जगह अपने भरोसेमंद हमीद को आईएसआई का नेतृत्व करने के लिए चुना था, जिन्हें केवल आठ महीने पहले नियुक्त किया गया था। हमीद को आईएसआई प्रमुख नियुक्त करने के लिए बाजवा ने इमरान खान को उन्हें तीन साल का विस्तार देने के लिए मजबूर किया।

पाकिस्तानी विश्लेषकों के अनुसार, हमीद को एजेंसी में अपने पिछले कार्यकाल के दौरान आईएसआई के भीतर बेहद प्रभावशाली माना जाता था। रॉयटर्स के अनुसार, हमीद उन शख्सियतों में से एक थे, जिन्होंने तहरीक-ए-लब्बैक के प्रदर्शनकारियों द्वारा राजधानी इस्लामाबाद में सड़कों को अवरुद्ध कर दिए जाने पर एक सौदा किया था। उस समय, आईएसआई के मेजर जनरल फैज हमीद ने तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को गारंटर के रूप में अपनी क्षमता में समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिन्हें बाद में पनामा लीक में उनका नाम आने पर पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने अयोग्य करार दिया था। उस समय कहा गया था कि वह हमीद ही थे, जिन्होंने अपने बॉस जनरल बाजवा के आदेश पर मौजूदा प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के पक्ष में 2018 के आम चुनावों में धांधली की थी।

पाकिस्तानी पत्रकार मोहम्मद तकी ने तब ट्विटर पर लिखा था, जनरल फैज हमीद, जिस पर राजनीतिक इंजीनियरिंग करने और इमरान खान के लिए 2018 का चुनाव चुराने का आरोप है, आईएसआई का नया डीजी है।

पाकिस्तानी विश्लेषक आयशा सिद्दीका का हवाला देते हुए, रॉयटर्स ने हमीद को एक और क्रूर और कट्टरपंथी व्यक्ति बताया है।

हमीद और बाजवा दोनों एक ही बलूच रेजीमेंट से हैं और हमीद पिछले 15 सालों में कई बार बाजवा के अधीन काम कर चुके हैं और उनका भरोसा जीत च्रु ते हैं।

भारतीय खुफिया सूत्रों के अनुसार, हमीद के जैश-ए-मोहम्मद, (जेईएम), हिज्ब-उल-मुजाहिदीन (एचएम), हरकत-उल- अंसार (एचयूए, जिसे अब हरकत-उल-मुजाहिदीन के तौर पर जाना जाता है), लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), हरकत-उल मुजाहिदीन (हम, जिसे पहले हरकत-उल-अंसार के नाम से जाना जाता था), हरकत-उल-जेहादल-इस्लाम (एचयूजीआई), मुत्ताहिदा जेहाद काउंसिल (एमयूसी), जम्मू एवं कश्मीर नेशनल लिबरेशन आर्मी और अल उमर मुजाहिदीन जैसे भारत विरोधी आतंकवादी समूहों के साथ बहुत अच्छे संबंध हैं।

हामिद गुल और असद दुर्रानी और अन्य के विपरीत, हमीद तालिबान, हक्कानी नेटवर्क और अन्य आतंकवादी समूहों के साथ अपने संबंधों के बारे में खेदजनक नहीं है। यह अफवाह है कि उन्होंने कश्मीर आतंकी समूहों की मदद के लिए हक्कानी के साथ एक समझौता किया था।

वह बाजवा के आदेश पर सभी गंदी चालों से निपटने में भी काफी अच्छे बताए गए हैं। इस साल जून में उनके आदेश पर कई पाकिस्तानी पत्रकारों को आईएसआई ने उठा लिया था और प्रताड़ित किया था। पाकिस्तानी जियो न्यूज एंकर हामिद मीर को आईएसआई की मनमानी का विरोध करने के कारण सजा भुगतनी पड़ी और उन्हें उनका कार्यक्रम प्रसारित करने से भी रोक दिया गया।

जनरल बाजवा ने पिछले हफ्ते सुरक्षा प्रतिष्ठान में शीर्ष जनरलों का एक बड़ा फेरबदल किया था, लेकिन पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, सेना के शीर्ष अधिकारियों के दबाव के बावजूद, उन्होंने अपने पसंदीदा फैज हमीद को स्थानांतरित करने से इनकार कर दिया।

(यह आलेख इंडिया नैरेटिव डॉट कॉम के साथ एक व्यवस्था के तहत लिया गया है)

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