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इमरान खान (Imran Khan) ने पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री पद से हटने के लिए बन रहे दबाव के आगे नहीं झुकने की कसम खाई है. उन्होंने विपक्षी दलों को भ्रष्ट, चोर और धोखेबाज बताते हुए कहा कि वह उन्हें अपना शस्त्रागार कभी नहीं देंगे. खान ने कहा कि विपक्ष कमजोर स्थिति में है, क्योंकि उनके सभी पत्ते बेनकाब हो गए हैं, जबकि उनके पास अभी भी तुरुप का पत्ता है, जो अविश्वास प्रस्ताव से एक दिन पहले दिखाएंगे.
खान ने कहा कि यह किसी का भ्रम होगा कि मैं इस्तीफा दे दूंगा और घर चला जाऊंगा. क्या मुझे चोरों की मांग पर इस्तीफा देना चाहिए?
उन्होंने कहा कि मैं भविष्यवाणी कर रहा हूं कि हम अविश्वास प्रस्ताव का मैच जीतेंगे. लोग (सहयोगी और दलबदल पार्टी के सदस्य) अक्सर सत्ताधारी दलों से नाखुश हो जाते हैं.
उन्होंने कहा कि PPP (पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी) और PML-N (पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज) की राजनीति अपनी चोरी को छिपाने के इर्द-गिर्द घूमती है. पीपीपी के आसिफ अली जरदारी की विचारधारा पैसा है. मैं शहबाज शरीफ जैसे बड़े अपराधियों के साथ क्यों बैठूं?
खान ने यह भी कहा कि मौजूदा राजनीतिक उथल-पुथल के बीच बाहरी तत्व पाकिस्तानी सेना को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि एक मजबूत देश के लिए एक मजबूत सेना पहली जरूरत है. पाकिस्तान तीन टुकड़ों में बंट जाता, अगर वह सेना पर भरोसा नहीं करता. राजनीति के लिए सेना को बदनाम नहीं किया जाना चाहिए.
दरअसल, नेशनल असेंबली के 25 मार्च के सत्र से पहले जहां खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जाना है, यह संकेत देता है कि उनकी पार्टी ने मतदान की तारीखें बढ़ाने और उस समय का उपयोग करने के लिए पहले से ही एक रणनीति तैयार की है.
पाकिस्तान के गृहमंत्री शेख रशीद ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान के पास तुरुप के पत्ते हैं और वह 27 मार्च को एक बड़े कदम की घोषणा कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि इमरान खान के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर नेशनल असेंबली के अध्यक्ष जब चाहें वोट कर सकते हैं.
रशीद ने कहा कि नेशनल असेंबली की बैठक 25 मार्च को होगी, लेकिन परंपरा के अनुसार सत्र 'फतेह' के बाद एक दिन के लिए स्थगित कर दिया जाएगा और मतदान 31 मार्च या 1 अप्रैल को हो सकता है. तारीख का फैसला सदन के अध्यक्ष को करना है.
पाकिस्तान में संसदीय मामलों के राज्यमंत्री अली मुहम्मद खान ने कहा कि सत्तारूढ़ पीटीआई सदस्यों में से अधिकांश को सरकार के तौर-तरीके पर आपत्तियां हैं. जियो न्यूज के मुताबिक पीटीआई नेता ने एक निजी टेलीविजन चैनल पर प्रसारित एक टॉक शो में कहा कि बहुत से लोगों ने पैसा नहीं लिया, वे सिर्फ सरकार से परेशान हैं, लेकिन कुछ ने पैसा लिया होगा.
केंद्र में सरकार के सहयोगी, ग्रैंड डेमोकेट्रिक अलायंस (GDA) ने इमरान खान को अविश्वास प्रस्ताव से पहले पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया है. हालांकि, अन्य सहयोगी जैसे बीएपी, एमक्यूएम-पी और पीएमएल-क्यू ने अभी भी अपना रुख साफ नहीं किया है.
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