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पंकज उधास का निधन, मशहूर ग़ज़ल गायक ने 73 साल की उम्र में दुनिया को कहा अलविदा

Pankaj Udhas passes away:पंकज उधास की बेटी नायाब उधास ने उनके निधन की खबर की पुष्टि की है.

क्विंट हिंदी
न्यूज
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<div class="paragraphs"><p>पंकज उदास का निधन</p></div>
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पंकज उदास का निधन

(फोटो- क्विंट हिंदी)

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Pankaj Udhas passes away: मशहूर ग़ज़ल गायक ने पंकज उधास ने 73 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया है. पद्मश्री पंकज उदास की बेटी नायाब उधास ने उनके निधन की खबर की पुष्टि की है. पंकज उधास लंबे समय से बिमारी से जूझ रहे थे.

पोस्ट में बेटी ने लिखा कि बहुत दुख के साथ हमें ये आपको बताना पड़ रहा है कि पद्मश्री पंकज उधास का 26 फरवरी 2024 को निधन हो गया है. वो लंबे समय से बीमार थे.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार पंकज उधास की टीम ने बताया, “पंकज सर लंबी बीमारी से पीड़ित थे और पिछले कुछ दिनों से उनकी तबीयत ठीक नहीं थी. आज सुबह करीब 11 बजे ब्रीच कैंडी अस्पताल में उनका निधन हो गया.”

सात साल की उम्र में ही संगीत से हुआ जुड़ाव

'रिश्ता तेरा मेरा', 'न कजरे की धार', 'चांदी जैसा रंग है तेरा', 'मत कर इतना गुरूर', 'जीए तो जीए कैसे' और 'आदमी खिलौना है' जैसे सुपरहिट गाने देने वाले पंकज उधास का जन्म 17 मई 1951 को गुजरात के जेतपुर में हुआ था.

सात साल की उम्र से ही पंकज उधास संगीत की दुनिया से जुड़ गए थे. उनके गाने के टैलेंट को उनके भाई मनहर उधास ने पहचाना था. वह बॉलीवुड के मशहूर प्लेबैक सिंगर हैं. 'तेरा नाम लिया', 'तू मेरा हीरो है', 'हम तुम्हें चाहते हैं ऐसे' समेत कई सुपरहिट गाने में उनकी आवाज सुनने को मिलती है. वह उन्हें अपने कार्यक्रम में ले जाते थे.

पंकज उधास ने अपने भाई के साथ पहली बार कार्यक्रम में गाना गाया था, जिसमें उन्हें इनाम के तौर पर 51 रुपए दिए गए थे. इस कार्यक्रम में उन्होंने 'ऐ वतन के लोगों' गाना गाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया था. इसके बाद पंकज ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.

1972 में फिल्म कामना से पंकज ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की, लेकिन इस फिल्म के बुरी तरह फ्लॉप होने की वजह से उन्होंने गजलों की तरफ अपना रुख किया और उर्दू की तालीम हासिल की. पंकज उधास ने लगभग दस महीने तक टोरंटो रेडियो और दूरदर्शन में गाना गाया. यूं तो उन्होंने कई बॉलीवुड सुपरहिट गाने दिए हैं लेकिन आज भी उनका गाया हुआ गाना 'चिट्ठी आई है' लोगों की आंखों नम कर देता है.

वह गायिकी और गजल की दुनिया में आगे बढ़ते चले गए. उन्हें 2006 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया था.

उस वक्त पंकज उधास को पद्मश्री मिलने की घोषणा की खबर के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. जब उन्हें उनके दोस्त ने बधाई दी, तो उन्होंने अपने दोस्त से पूछा कि किस बात की बधाई? इस पर उनके दोस्त ने बताया कि आपको पद्मश्री से सम्मानित किए जाने की घोषणा हुई है. यह खबर सुनने के बाद पंकज काफी खुश हुए थे.

(इनपुट- आईएएनएस)

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