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योग गुरू बाबा रामदेव ने हाल ही में अपना इंस्टेंट नूडल ब्रांड ‘पतंजलि आटा नूडल्स’ लॉन्च किया है. लेकिन इस ब्रांड को फूड सेफ्टी एंड सिक्योरिटी स्टेंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया से गुणवत्ता संबंधी स्वीकृति लिए बैगर बाजार में उतार दिया गया है. इसके बावजूद प्रॉडक्ट की पैकिंग में एफएसएसएआई लाईसेंस नंबर लिखा हुआ है.
एफएसएसएआई अध्यक्ष आशीष बहुगुणा ने अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए बताया है कि इस नूडल्स ब्रांड को लॉन्च करने से पहले एफएसएसएआई से गुणवत्ता संबंधी स्वीकृति हासिल नहीं की गई है.
एफएसएसएआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पतंजलि आटा नूडल्स की क्वालिटी पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि वे नहीं जानते कि इस इंस्टेंट नूडल नें क्या-क्या मिला हुआ है. खाद्य सुरक्षा कानून के तहत नूडल को पास्ता प्रॉडक्ट के ग्रुप में शामिल नहीं किया जा सकता. इसके साथ ही इसे मसाला मिक्स के साथ बेचा जा रहा है. ऐसे में नूडल्स की क्वालिटी पर सवाल खड़ा हो गया है.
एफएसएसएआई के लाइसेंस रजिस्ट्रेशन सिस्टम के अनुसार पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड, पतंजलि फूड और हर्बल पार्क को लाइसेंस प्राप्त है. इन लाइसेंसों के अंतर्गत घी, सरसों/नारियल का तेल, नमक, बिस्किट, सत्तू, ओट्स, कॉर्नफ्लैक्स, पोहा, सोन पापड़ी, जैगरी पॉउडर, नमकीन पापड़, गुड़, गेंहू का आटा, दालें, मिठाई और पास्ता प्रॉडक्ट (मैकरोनी, स्पेघैटी और वर्मिसिली) बनाए जा सकते हैं. लेकिन, नूडल्स नहीं बनाया जा सकता.
एफएसएसएआई के अनुसार इस मामले में तब तक कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती जब तक कि इस प्रॉडक्ट को मार्केट में बेचना शुरू न किया जाए. प्रॉडक्ट के पीछे लिखे लाइसेंस नंबर ‘10014012000266’ पर बहुगुणा ने कहा कि किसी भी उत्पाद को स्वीकृति दिए बिना लाइसेंस नंबर कैसे दिया जा सकता है?
राज्य सरकारें कुछ चीजों को बनाने के लिए लाइसेंस देती हैं लेकिन नूडल्स एक नॉन-स्टेंडर्ड प्रॉडक्ट है और ऐसे प्रॉडक्ट्स के लिए लाइसेंस एफएसएसएआई द्वारा ही दिया जाता है. इस बारे में एक बात तय है कि प्रॉडक्ट की क्वालिटी को लेकर स्वीकृति नहीं ली गई है.
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