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मुंबई, 28 नवंबर (आईएएनएस)| पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले से संबंधित एक ताजा घटनाक्रम में मुंबई डेबट्स रिकवरी ट्रिब्यूनल-आई (डीआरटी) ने भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी, उसके समूह की कंपनियों व अन्य को पिछले लगभग दो वर्षो से पीएनबी के बकाया 7,030 करोड़ रुपये चुकाने के निर्देश जारी किए हैं।
इससे पहले, डीआरटी-आई ने 22 नवंबर को भी नीरव मोदी और अन्य आरोपियों को 30 जून, 2018 से पूरी राशि पर 14.30 फीसदी की दर से ब्याज देने के निर्देश जारी किया था।
नीरव मोदी और उनके करीबी रिश्तेदार अमि एन. मोदी, निशाल डी. मोदी, दीपक के. मोदी, नेहाल डी. मोदी, रोहिन एन. मोदी, अनन्या एन. मोदी, अपाशा एन. मोदी और पूर्वी मयंक मेहता को नोटिस दिए गए हैं।
इसके अलावा नीरव के समूह की कंपनियों को भी उसी मामले में नोटिस दिए गए हैं। इन नोटिस पर डीआरटी-आई मुंबई के रिकवरी इंचार्ज सुजीत कुमार के हस्ताक्षर हैं।
इन कंपनियों में स्टेलर डायमंड्स, सोलर एक्सपोर्ट्स, डायमंड आरयूएस, फायरस्टार इंटरनेशनल लि.(पूर्व में फायरस्टार इंटरनेशनल प्रा.लि.) और मुंबई, गुजरात और राजस्थान में इसकी 13 शाखाएं, एएनएम एंटरप्राइजेज प्रा. लि. और एनडीएम एंटरप्राइजेज प्रा. लि. शामिल हैं।
नीरव मोदी के नोटिस को मुंबई के ग्रॉसवेनर हाउस और दुबई के शेरा टावर्स में उनके ज्ञात पते पर भेज दिया गया है, जबकि एक अन्य रिश्तेदार नेहाल डी. मोदी के नोटिस को न्यूयॉर्क में उनके ज्ञात पते पर भेजा गया है।
संयोग से यह निर्देश डीआरटी-पुणे के पीठासीन अधिकारी दीपक ठक्कर द्वारा जुलाई में की गई इसी तरह की कार्रवाई के चार महीने बाद आया है।
नीरव मोदी को इस साल मार्च महीने में सूट-बूट लगाकर लंदन में सुकून से चहलकदमी करते हुए देखा गया था। भारत उसे प्रत्यर्पित करवाने और देश के कानूनों का सामना करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।
फरवरी, 2017 में नीरव मोदी के खिलाफ उसके मामा मेहुल चोकसी के साथ ही उसके रिश्तेदारों व कंपनी के अधिकारियों व अन्य पर 14,000 करोड़ रुपये के बड़े घोटाले से संबंधित मामले में मुकदमा दर्ज किया गया था।
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