Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019'धर्म के नाम पर हिंसा के खिलाफ चट्टान बनकर खड़े हो गए थे गुरु तेग बहादुर' - PM मोदी

'धर्म के नाम पर हिंसा के खिलाफ चट्टान बनकर खड़े हो गए थे गुरु तेग बहादुर' - PM मोदी

400वें प्रकाश पर्व पर आयोजित समागम में पहुंचने पर PM ने सबसे पहले गुरुग्रंथ साहिब के सामने मत्था टेक उन्हें नमन किया

IANS
न्यूज
Published:
<div class="paragraphs"><p>(फोटो: IANS)</p></div>
i
null

(फोटो: IANS)

advertisement

नई दिल्ली, 21 अप्रैल (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकिले को कितने ही अहम कालखंडों का साक्षी करार देते हुए कहा है कि इस किले ने गुरु तेग बहादुर जी की शहादत को भी देखा है और देश के लिए मरने-मिटने वाले लोगों के हौसले को भी देखा है।

सिखों के 9वें गुरु, गुरु तेग बहादुर जी के 400वें प्रकाश पर्व पर लालकिले में आयोजित दो दिवसीय विशाल समागम के आखिरी दिन लालकिले से बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी मजहबी कट्टरता और धर्म के नाम पर हिंसा और अत्याचार की पराकाष्ठा के दौर में औरंगजेब की आततायी सोच के सामने हिंद दी चादर बनकर, एक चट्टान बन कर खड़े हो गए थे।

उन्होंने कहा, उस समय देश में मजहबी कट्टरता की आंधी आई थी। धर्म को दर्शन, विज्ञान और आत्मशोध का विषय मानने वाले हमारे हिंदुस्तान के सामने ऐसे लोग थे, जिन्होंने धर्म के नाम पर हिंसा और अत्याचार की पराकाष्ठा कर दी थी। यहां लालकिले के पास में ही गुरु तेग बहादुर जी के अमर बलिदान का प्रतीक गुरुद्वारा शीशगंज साहिब भी है। ये पवित्र गुरुद्वारा हमें याद दिलाता है कि हमारी महान संस्कृति की रक्षा के लिए गुरु तेग बहादुर जी का बलिदान कितना बड़ा था।

प्रधानमंत्री ने गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान को याद करते हुए आगे कहा कि गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान ने, भारत की अनेक पीढ़ियों को अपनी संस्कृति की, मर्यादा की रक्षा के लिए, उसके मान-सम्मान के लिए जीने और मर-मिट जाने की प्रेरणा दी है। उन्होंने आगे कहा कि बड़ी-बड़ी सत्ताएं मिट गईं, बड़े-बड़े तूफान शांत हो गए, लेकिन भारत आज भी अमर खड़ा है, आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि दुनिया भारत की तरफ देख रही है।

लालकिले से देशवासियों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने आगे कहा, गुरु नानक देव जी ने पूरे देश को एक सूत्र में पिरोया। गुरु तेग बहादुर जी के अनुयायी हर तरफ हुए। पटना में पटना साहिब और दिल्ली में रकाबगंज साहिब, हमें हर जगह गुरुओं के ज्ञान और आशीर्वाद के रूप में एक भारत के दर्शन होते हैं।

गुरु ग्रंथ साहिब, सिख धर्म और सिखों के गुरुओं की याद में उनकी सरकार द्वारा भव्य तरीके से मनाए गए प्रकाश पर्व का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने बताया कि पिछले वर्ष ही उनकी सरकार ने साहिबजादों के महान बलिदान की स्मृति में 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया। इसके साथ ही सरकार सिख परंपरा के तीर्थो को जोड़ने के लिए भी निरंतर प्रयास कर रही है।

गुरुग्रंथ साहिब के सम्मान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, गुरुग्रंथ साहिब जी हमारे लिए आत्मकल्याण के पथप्रदर्शक के साथ साथ भारत की विविधता और एकता का जीवंत स्वरूप भी हैं। इसलिए, जब अफगानिस्तान में संकट पैदा होता है, हमारे पवित्र गुरुग्रंथ साहिब के स्वरूपों को लाने का प्रश्न खड़ा होता है, तो भारत सरकार पूरी ताकत लगा देती है।

विश्व कल्याण को लेकर भारत की सोच के बारे में बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने कभी किसी देश या समाज के लिए खतरा नहीं पैदा किया। आज भी भारत पूरे विश्व के कल्याण के लिए सोचता है। उन्होंने आगे कहा कि जब हम आत्मनिर्भर भारत की बात करते हैं, तो उसमें पूरे विश्व की प्रगति का लक्ष्य सामने रखते हैं।

लाल किले से सिख समाज के सेवा भाव, त्याग, समर्पण और बलिदान की प्रशंसा करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि नई सोच, सतत परिश्रम और शत प्रतिशत समर्पण, ये आज भी हमारे सिख समाज की पहचान है। आजादी के अमृत महोत्सव में आज देश का भी यही संकल्प है।

मोदी ने आगे कहा, हमें अपनी पहचान पर गर्व करना है। हमें लोकल पर गर्व करना है और आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करना है।

उन्होंने इस पुण्य अवसर पर सिखों के सभी दसों गुरुओं के चरण में नमन करते हुए सभी देशवासियों और पूरी दुनिया में गुरुवाणी में आस्था रखने वाले सभी लोगों को प्रकाश पर्व की हार्दिक बधाई भी दी।

400वें प्रकाश पर्व पर आयोजित इस विशाल समागम में पहुंचने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले श्री गुरुग्रंथ साहिब के सामने मत्था टेककर उन्हें नमन किया, शबद-कीर्तन सुना और इस पावन अवसर पर गुरु को समर्पित स्मारक डाक टिकट का विमोचन किया और विशेष सिक्का भी जारी किया।

बता दें कि इस कार्यक्रम का आयोजन भारत सरकार द्वारा दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सहयोग से किया गया था।

--आईएएनएस

एसटीपी/एसजीके

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT