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पीएम मोदी ने जिलाधिकारियों के साथ किया संवाद,142 जिलों में सुधार पर दिया जोर

पीएम मोदी ने जिलाधिकारियों के साथ किया संवाद, कई मानकों पर पिछड़े 142 जिलों में सुधार पर दिया जोर

IANS
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नई दिल्ली, 22 जनवरी (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि सरकार ने 142 जिलों की पहचान की है, जो विकास में इतने पीछे नहीं हैं, लेकिन जिन एक-दो पैरामीटर्स पर ये अलग-अलग 142 जिले पीछे हैं, अब वहां पर भी हमें उसी कलेक्टिव अप्रोच के साथ काम करना है, जैसे हम आकांक्षी जिलों (एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट) में करते हैं।

मोदी ने कहा, हमने 142 जिलों की पहचान की है, जो अन्यथा प्रगतिशील हैं, विकसित हैं, लेकिन कुपोषण या शिक्षा जैसे एक या दो मानकों की कमी है। अब हमें स्थिति को सुधारने के लिए सामूहिक रूप से काम करने की जरूरत है, जैसा कि हमने आकांक्षी जिलों के लिए किया है। यह हम सभी के लिए एक नई चुनौती है। हमें इसे हासिल करने के लिए सामूहिक रूप से काम करना होगा।

मोदी वर्चुअल तरीके से भारत भर के कई मुख्यमंत्रियों, सैकड़ों जिलों के जिलाधिकारियों और विभिन्न मंत्रालयों के अन्य अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत भी मौजूद थे।

प्रधानमंत्री ने विभिन्न जिलों में सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन की प्रगति और वर्तमान स्थिति के बारे में प्रत्यक्ष प्रतिक्रिया ली।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आकांक्षी जिलों ने ये साबित किया है कि इंप्लीमेंटेशन में साइलो खत्म होने से, संसाधनों का ऑप्टिमम यूटिलाइजेशन होता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि साइलो जब खत्म होते हैं तो 1 प्लस 1 दो नहीं बनता, एक और एक 11 बन जाता है। ये सामथ्र्य, ये सामूहिक शक्ति, हमें आज एस्पिरेशनल जिलों में नजर आती है। आकांक्षी जिलों में शासन के ²ष्टिकोण पर विस्तार से बताते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि सबसे पहले, लोगों से उनकी समस्याओं की पहचान करने के लिए परामर्श किया गया था। दूसरा, आकांक्षी जिलों में अनुभवों के आधार पर कार्यशैली को परिष्कृत किया गया और मापने योग्य संकेतकों, प्रगति की वास्तविक समय की निगरानी, जिलों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा और अच्छी प्रथाओं की प्रतिकृति को प्रोत्साहित किया गया। तीसरे, अधिकारियों के स्थिर कार्यकाल जैसे सुधारों के माध्यम से प्रभावी टीमों के निर्माण को प्रोत्साहित किया गया। इससे सीमित संसाधनों में भी बड़े परिणाम प्राप्त करने में मदद मिली।

प्रधानमंत्री ने उचित कार्यान्वयन और निगरानी के लिए क्षेत्र के दौरे, निरीक्षण और रात्रि विश्राम के लिए विस्तृत दिशानिर्देश विकसित करने के लिए कहा।

मोदी ने विभिन्न जिलों के जिलाधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से प्रमुख सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन पर बातचीत की। जिलाधिकारियों ने अपने अनुभव साझा किए, जिससे कई संकेतकों पर उनके जिलों के कार्य निष्पादन में सुधार हुआ है। प्रधानमंत्री ने उनसे उन प्रमुख कदमों और उस प्रयास में उनके सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में सीधे तौर पर फीडबैक मांगा, जिनके परिणामस्वरूप जिलों में सफलता मिली है। उन्होंने उनसे यह भी पूछा कि आकांक्षी जिलों के कार्यक्रम के तहत काम करना उनके पहले किए गए काम से कैसे अलग है।

अधिकारियों ने बताया कि किस प्रकार जनभागीदारी इस सफलता के पीछे एक महत्वपूर्ण घटक रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे उन्होंने अपनी टीम में काम करने वाले लोगों को दैनिक आधार पर प्रेरित किया और इस भावना को विकसित करने का प्रयास किया कि वे नौकरी नहीं कर रहे हैं, बल्कि एक सेवा कर रहे हैं। उन्होंने विभागों के बीच समन्वय बढ़ाने और डेटा द्वारा संचालित शासन के लाभों के बारे में भी बताया।

नीति आयोग के सीईओ ने एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम की प्रगति तथा कार्यान्वयन के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम किस प्रकार टीम इंडिया की भावना से प्रेरित प्रतिस्पर्धी और सहकारी संघवाद से लाभान्वित हुआ। इन प्रयासों के परिणामस्वरूप इन जिलों ने हर पैरामीटर में उल्लेखनीय रूप से बेहतर निष्पादन किया है।

ग्रामीण विकास सचिव ने आकांक्षी जिलों में किये गये केन्द्रित कार्यों की तर्ज पर चयनित 142 जिलों के उत्थान के मिशन पर प्रस्तुतीकरण दिया। इन चिन्हित जिलों के उत्थान के लिए केंद्र तथा राज्य मिलकर काम करेंगे ताकि अल्प विकास वाले क्षेत्रों की समस्याओं का हल किया जा सके। 15 मंत्रालयों और विभागों से जुड़े 15 क्षेत्रों की पहचान की गई।

पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि आकांक्षी जिलों में विकास के लिए प्रशासन और जनता के बीच सीधा कनेक्ट, एक इमोशनल जुड़ाव बहुत जरूरी है।

प्रधानमंत्री ने कहा, जो सिविल सर्विसेस के साथी जुड़े हैं, उनसे मैं एक और बात याद करने को कहूंगा। आप वो दिन जरूर याद करें जब आपका इस सर्विस में पहला दिन था। आप देश के लिए कितना कुछ करना चाहते थे, कितना जोश से भरे हुए थे, कितने सेवा भाव से भरे हुए थे। आज उसी जज्बे के साथ आपको फिर आगे बढ़ना है।

उन्होंने सभी डीएम से सेवा में शामिल होने के अपने पहले दिन को याद करने की अपील के साथ भाषण समाप्त किया।

--आईएएनएस

एकेके/एएनएम

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