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पीएम नरेंद्र मोदी दो दिवसीय यात्रा के तहत चीन में हैं. रविवार को उन्होंने 18वें शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने संबोधित करते हुए कहा कि एससीओ सदस्य देशों सहित पड़ोसी देशों के साथ कनेक्टिविटी पर भारत का जोर है.
सुनिए पीएम का संबोधन-
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है. इसके लिए पीएम मोदी ने एक नया मंत्र भी दिया, जिसे उन्होंने SECURE नाम दिया. उन्होंने कहा कि सुरक्षा के लिए 6 कदम उठाने जरूरी हैं.
S- सिक्योरिटी आॅफ सिटिजन्स यानी नागरिकों की सुरक्षा
E- इकाॅनमिक डेवलपमेंट फाॅर आॅल यानी सभी का आर्थिक विकास
C- कनेक्टिंग द रीजन यानी क्षेत्रों को जोड़ना
U- यूनाइटेड आवर पीपल यानी लोगों को एकजुट करना
R- रिस्पेक्ट फाॅर साॅवरनिटी एंड इंटेग्रिटी यानी संप्रभुता और अखंडता का सम्मान
E- एनवाॅयरमेंट प्रोटेक्शन यानी पर्यावरण की सुरक्षा
उन्होंने सभी SCO सदस्य देशों से इसके लिए सार्थक सहयोग की अपील की.
साथ ही उन्होंने अफगानिस्तान के आतंकवाद से पीड़ित होने पर दुख जताते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण उदाहरण बताया. पीएम मोदी ने कहा कि शांति की तरफ राष्ट्रपित गनी ने जो कदम उठाए हैं, उनका सभी को सम्मान करना चाहिए.
पीएम मोदी शनिवार को अपने इस दो दिवसीय दौरे पर रवाना हुए थे. सम्मेलन के स्वागत समारोह में पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मुलाकात हुई. इस दौरान भारत-चीन के बीच दो समझौते हुए. पहला समझौता ब्रह्मपुत्र नदी और दूसरा भारत से चीन चावल के निर्यात के संबंध में हुआ.
शंघाई सहयोग संगठन यूरेशिया का राजनीतिक आर्थिक, और सैनिक संगठन है. यूरेशिया शब्द यूरोप और एशिया से मिलकर बना है. 15 जून 2001 को चीन में शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन या शंघाई सहयोग संगठन का ऐलान किया गया.
शंघाई कोऑपरेशन आर्गनाइजेशन के सदस्य देश आतंकवाद, कट्टरपंथ और अलगाववाद से मिलकर निपटने पर सहमत होते हैं. लेकिन पश्चिम देशों की मीडिया एससीओ का असली मकसद नाटो को जवाब देना मानती है.
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