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शासन में उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, अभी तक प्रधानमंत्री का कोई आधिकारिक कार्यक्रम नहीं मिला है, लेकिन अगर वह आते हैं तो शासन-प्रशासन की ओर से तैयारियां पूरी हैं।
देवभूमि उत्तराखंड से विशेष लगाव रखने वाले प्रधानमंत्री मोदी की केदारनाथ धाम के प्रति अगाध आस्था है। एक दौर में प्रधानमंत्री ने केदारनाथ के नजदीक ही साधना की थी।
केदारपुरी का पुनर्निर्माण उनके ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है और अब केदारपुरी नए कलेवर में निखर चुकी है। वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से मोदी को जब भी समय मिलता है, वह बाबा केदार के दर्शन को चले आते हैं।
माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी इस बार भी छह मई को केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के अवसर पर यहां आ सकते हैं। इस बीच मंगलवार को मुख्यमंत्री धामी के केदारनाथ के प्रस्तावित दौरे और वहां यात्रा की तैयारियों का जायजा लिए जाने के कार्यक्रम को इससे जोड़कर देखा जा रहा है। यही नहीं, पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर भी सोमवार को केदारनाथ जा सकते हैं।
गौरतलब है कि अपने केदारनाथ दौरे के दौरान 18 मई 2019 में पीएम मोदी ने ध्यान गुफा में ध्यान किया था। इसके बाद धाम में ध्यान गुफा के प्रति आकर्षण काफी बढ़ गया। यह ध्यान गुफा आठ गुणा दस फीट की है। वर्ष 2018 में गुफा का निर्माण नेहरू पर्वतोरोहण संस्थान ने किया था।
प्राकृतिक रूप से मौजूद इस गुफा में बिजली, पानी, संचार व शौचालय की सुविधा उपलब्ध है। बुकिंग करने पर निगम की ओर से एक समय का भोजन व चाय-नाश्ता किराये की राशि में ही उपलब्ध कराया जाता है।
केदारनाथ मंदिर के अंदर गर्भगृह में भक्तों की भारी भीड़ जमा न हो, इसके लिए मंदिर समिति इस बार अधिक कर्मचारियों की तैनाती करेगी। केदारनाथ मंदिर परिसर में यात्रा के पीक सीजन में करीब एक किमी लंबी लाइन लग जाती है। मंदिर के मुख्य द्वार पर बड़ी संख्या में तीर्थयात्री, अधिकारी, कर्मचारी, स्थानीय लोग जमा हो जाते हैं। यही नहीं मंदिर के अंदर गर्भगृह में प्रवेश करने के लिए धक्का-मुक्की होती है। इसी के मद्देनजर इस बार बदरी-केदार मंदिर समिति ने स्पष्ट किया है कि केदारनाथ मंदिर के अंदर व्यवस्था बनाने के लिए अधिक कर्मचारियों की तैनाती की जाएगी।
समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजेय ने कहा कि अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि मंदिर के दर्शन के लिए अच्छी व्यवस्था बनाई जाए ताकि तीर्थयात्रियों को किसी अव्यवस्था का सामना न करना पड़े। अधिक कर्मचारी तैनात करें, ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके। मंदिर के सभा मंडप व गर्भ गृह में मंदिर समिति के कर्मचारी हर समय तैनात रहेंगे।
--आईएएनएस
स्मिता/एसकेपी
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