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दिल्ली के सीएम ने पीएम से शोक संतप्त परिवारों से मिलने का भी आग्रह किया।
केजरीवाल ने एक वर्चुअल संबोधन में कहा, भारतीय नागरिक देख रहे हैं कि लखीमपुरी खीरी में क्या हो रहा है। वे न्याय की उम्मीद कर रहे हैं। लेकिन यह कैसा न्याय है जहां एक हत्यारे को बचाया जा रहा है? राजनेताओं और पत्रकारों को लखीमपुर जाने से रोका जा रहा है।
आशीष मिश्रा का नाम लखीमपुर खीरी के तिकुनिया गांव में हुई हिंसक घटना के संबंध में एक प्राथमिकी में दर्ज है। कहा जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य एक समारोह में शामिल होने केंद्रीय मंत्री के पैतृक गांव जा रहे थे, उन्हें काले झंडे दिखाने के लिए सड़क किनारे खड़े किसानों को काफिले में शामिल आशीष की कार से कथित रूप से चार किसान कुचले गए। इसके बाद भड़की हिंसा में एक स्थानीय पत्रकार सहित और पांच लोगों की मौत हो गई।
केजरीवाल ने कहा, भारत आजादी का 75वां साल आजादी का अमृत महोत्सव के साथ मना रहा है। अत्याचारी अंग्रेज यही करते थे। हमारे पूर्वजों ने इस दिन को देखने के लिए देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति नहीं दी। यह कैसा आजादी का उत्सव है। हम अपने लोगों को किस तरह का संदेश दे रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार हत्यारों को बचा रही है, नहीं तो उन्हें अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया और हत्यारों को क्यों बचाया जा रहा है?
केजरीवाल ने कहा, अपराधियों ने बेरहमी से निर्दोष लोगों पर अपनी गाड़ियां चलाईं, ताकि पूरी व्यवस्था उनके सामने झुक जाए और उन्हें कानून से बचाया सके। कार ने न केवल वहां मौजूद किसानों को कुचल दिया, बल्कि इस देश के किसानों की आत्मा को भी कुचल दिया।
इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप की मांग करते हुए केजरीवाल ने कहा, आपको इसमें शामिल मंत्री को बर्खास्त करना चाहिए और पीड़ितों के परिवारों से मिलना चाहिए, अगर पीएम पीड़ितों का समर्थन करें तो उन्हें कुछ ताकत मिलेगी।
इस बीच, बुधवार को अजय मिश्रा ने कहा कि लखीमपुर खीरी मामले की कई एजेंसियों द्वारा निष्पक्ष तरीके से जांच की जा रही है।
--आईएएनएस
एसजीके
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