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2019 की चुनावी तैयारी में जुटी BJP, यूपी में बन रहे 75 ‘वॉर कैंप’

पार्टियां जुबानी जंग में जुटी हैं, बीजेपी ने वॉर रूम की तैयारी भी कर ली है

विक्रांत दुबे
पॉलिटिक्स
Published:
<p>बीजेपी के कार्यालय की मॉडल तस्वीर</p>
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बीजेपी के कार्यालय की मॉडल तस्वीर

(फोटो: क्विंट हिंदी)

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बीजेपी के चुनावी रणनीतिकार 2019 लोकसभा चुनाव के लिए काम करना शुरू कर चुके हैं. यूपी से बीजेपी ने 2014 में सबसे ज्यादा 73 सीटें हासिल की थी. ये नंबर बरकरार रहे इसके लिए बीजेपी उत्तर-प्रदेश में 75 वॉर कैम्प बना रही है. वॉर कैम्प यानी नए कार्यालय. ऐसे कार्यालय जो सिर्फ परंपरागत नहीं, बल्कि हाईटेक होगें.

बीजेपी कार्यालयों में वो सारी सुविधाएं होंगी जिनकी जरूरत चुनाव के दौरान होती है. नए तरीके से तैयार किये जा रहे इन कैंपों को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के निर्देशन में डिजाइन किया गया है. बताया जा रहा है कि किसी भी राजनीतिक पार्टी के पास अभी तक ऐसे कार्यालय नही हैं.

बीजेपी के कार्यालय की मॉडल तस्वीर

(फोटो: क्विंट हिंदी)

जमीनी प्रचार से सोशल मीडिया तक...

2019 के लोकसभा चुनाव में अभी एक साल से ज्यादा टाइम बचा है और आने वाले लोकसभा चुनाव में मोदी को पटखनी देने का मौका तलाश रही लगभग सभी पार्टियां जुबानी ताल दबा के ठोक रही हैं. लेकिन असल में बीजेपी को सत्ता से बाहर करने का विपक्षी पार्टियों के पास महागठबंधन के अलावा दूसरी कोई रणनीति नहीं है. जबकि वहीं बीजेपी हर मोर्चे पर विपक्षियों को उसी के अंदाज में जवाब देने की तैयारी में अभी से जुट गयी है.

जमीनी प्रचार से लेकर सैटेलाइट तक सभी तैयारियों का खांका तैयार कर लिया गया है. इन्हीं में एक और सबसे अहम है बीजेपी के वॉर कैम्प.

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क्या खास है इन वॉर कैम्पों में?

कुछ ऐसे होंगे बीजेपी के वॉर रूम

(फोटो: क्विंट हिंदी)

  • यूपी के सभी 75 जिलों में बनाए जा रहे हैं पार्टी के कार्यालय
  • 3 से 5 हजार फीट कार्पेट एरिया में थ्री स्टोरी बिल्डिंग
  • सभी कार्यालय सेंट्रल ऑफिस दिल्ली और स्टेट आफिस लखनऊ से जुड़े रहेंगे
  • सरकारी योजनाओं को जनता तक पहुंचाने के लिए बड़े LED स्क्रिन लगाई जाएंगी
  • लगभग सभी कार्यालयों को हाईवे के करीब बनाया जा रहा है
  • फोटो गैलरी और लाइब्रेरी की खास व्यवस्था
  • आई टी सेंटर और कॉल सेंटर
  • एक बड़ा और एक छोटा कॉन्फ्रेस हॉल
  • सभी हाल में वीडियो कॉन्फ्रेंस की सुविधा रहेगी
  • प्रमुख पदाधिकारियों के लिये रूम और क्यूबिकल्स

बीजेपी का क्या कहना है?

बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष राकेश त्रिवेदी अपने सहयगियों के साथ

(फोटो: क्विंट हिंदी)

बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष राकेश त्रिवेदी ने बताया कि किसी भी पार्टी की जान उसके कार्यालय में बसती है. जब अच्छा कार्यालय ही नहीं होगा, पदाधिकारी और कार्यकर्ता काम कैसे करेंगे? 2014 लोकसभा और 2017 विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने यूपी में काफी समय बिताया था.

वो पहले ऐसे अध्यक्ष हैं जो पार्टी कार्यालय में ज्यादा समय बिताना चाहते हैं. यूपी के लगभग सभी पार्टी कार्यालय पुराने है, इसलिए उसमें ज्यादा परिवर्तन नहीं हो सकता. साथ ही समय के साथ बदलाव भी जरूरी है. लिहाजा उन्होंने तय किया कि उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में नए भव्य कार्यालय बनाए जायेंगे. जो अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे और 2019 का लोकसभा चुनाव वहीं से लड़ा जायेगा.

मार्च 2018 तक कार्यालय तैयार हो जायेंगे

यूपी के सभी जिलों में बीजेपी के जिला और महानगर कार्यालय हैं लेकिन शहरों के विस्तार के कारण अधिकरतर कार्यालय शहर के अंदर हैं और काफी पुराने भी हो चुके हैं. लिहाजा पार्टी के बड़े नेता आमतौर पर पार्टी कार्यालय नहीं जा पाते. जिससे पार्टी को उनके आने का वो फायदा नहीं मिल पाता है जो मिलना चाहिए.

नए कार्यालयों में वरिष्ठ नेताओं के रहने के लिए गेस्ट रूप भी तैयार किया जा रहा है. साथ ही वहीं से वो अपना पूरा ऑफिस भी ऑपरेट कर सकते हैं.

भवन प्रभारी और प्रदेश उपाध्यक्ष राकेश त्रिवेदी के मुताबिक, मार्च 2018 तक सभी कार्यालय तैयार हो जायेंगे. कार्यालयों के लिए जमीन के अलावा एक करोड़ रुपये से ज्यादा बिल्डिंग पर खर्च हो रहा है. ये पैसा संगठन के कार्यकर्ताओं की आजीवन सहयोग निधि से हासिल किया जा रहा है.

चुनाव कार्यालय का ये हाईटेक नुस्खा, दरअसल 'गुजरात मॉडल' का हिस्सा ही बताया जा रहा है. गुजरात में बीजेपी ने ऐसे ही कार्यालय बनाए हैं जिन्हें पार्टी सफल मानती है. 2014 में नरेंन्द्र मोदी जब बनारस से चुनाव लड़े तो वहां भी स्टार सुविधा वाला चुनाव कार्यालय बनाया गया था. वहां पार्टी के सभी बड़े नेताओं का डेरा रहता था. जिसे बीजेपी ने वॉर कैम्प का नाम दिया था. यहीं से बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पूरे देश की चुनावी रणनीति पर नजर रखते थे.

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