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चुनाव आयोग ने राज्यसभा की खाली हो रही 55 सीटों के चुनाव के लिए कार्यक्रम का ऐलान कर दिया है. अप्रैल में खाली हो रही इन सीटों के लिए चुनाव प्रक्रिया 6 मार्च से शुरू होगी. वोटिंग 26 मार्च को होगी. महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सात, इसके बाद तमिलनाडु में 6 और पश्चिम बंगाल में 5 सीटें खाली होंगी. दलगत स्थिति के आधार पर राज्यसभा में मौजूदा 14 सीटों के बदले बीजेपी को 13 सीटें मिलनी तय हैं. दो सीटें गठबंधन के हिसाब से तय होंगी. कांग्रेस को 8-10 सीटें मिल सकती हैं.
जिन सीनियर नेताओं का राज्यसभा का कार्यकाल खत्म हो रहा है. उनमें कांग्रेस दिग्विजय सिंह (मध्य प्रदेश), मोतीलाल वोरा (छत्तीसगढ़), कुमारी शैलजा (हरियाणा), विप्लव ठाकुर (हिमाचल प्रदेश), मधुसूदन मिस्त्री (गुजरात), रामदास अठावले (महाराष्ट्र), परिमल नाथवानी, प्रेम चंद्र गुप्ता (झारखंड), विजय गोयल (राजस्थान) और डीएमके के तिरुचि शिवा शामिल हैं. इन सभी का कार्यकाल अप्रैल में समाप्त हो जाएगा.
राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में अब भारतीय जनता पार्टी की सरकार नहीं है, ऐसे में राज्यसभा में भी बीजेपी की ताकत घटने के आसार हैं. इन तीनों राज्यों में विधायकों के अंकगणित के हिसाब से आगे आने वाले समय में बीजेपी को काफी नुकसान होने वाला है, फिलहाल तीनों राज्यों की 26 सीटों में से बीजेपी के पास अभी 21 सीटें हैं.
आइए देखते हैं कि किन राज्यों से किन नेताओं का कार्यकाल खत्म हो रहा है और वहां इसकी सीटों के लिए क्या समीकरण बन रहे हैं.
अप्रैल में महाराष्ट्र से सात राज्यसभा सदस्य रिटायर होने वाले हैं. माना जा रहा है कि इसमें चार सीट शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी और दो सीट बीजेपी के में जा सकती है. लेकिन असल जंग सातवीं सीट के लिए होगी. इस एक अतिरिक्त सीट के लिए महाराष्ट्र विकास अघाडी के तीन सहयोगियों के बीच रस्साकशी हो सकती है.
सीपीएम- ऋतब्रत बनर्जी
तृणमूल- केडी सिंह
तृृणमूल- अहमद हसन इमरान
तृणमूल- जोगेन चौधरी
तृणमूल- मनीष गुप्ता
हरियाणा में राज्य सभा के 2 सीट पहले से ही खाली है.
राज्यसभा के लिए 17 राज्यों की जिन 55 सीटों पर चुनाव होने हैं, उनमें से 4 सांसद पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं. ओडिशा में बीजद के सांसद अनुभव मोहंती लोकसभा में चुने जा चुके हैं. असम में भुवनेश्वर कालिता और संजय सिंह बीजेपी में शामिल हो गए हैं. वहीं, हरियाणा में इनेलोद के सांसद रहे रामकुमार कश्यप ने जून में ही इस्तीफा देकर बीजेपी का साथ पकड़ लिया था. इसके साथ ही 51 सांसदों का कार्यकाल पूरा हो रहा है.
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