advertisement
एबीपी न्यूज चैनल से एडिटर और दो एंकरों को कथित तौर पर हटाने का मुद्दा शुक्रवार को लोकसभा में उठा. कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी की आलोचना करने की वजह से चैनल पर दबाव डालकर एडिटर और एंकर्स को हटाया गया.
लेकिन सूचना प्रसारण मंत्री राज्यवर्धन राठौर ने कांग्रेस के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि उस चैनल की टीआरपी गिर रही थी.
खड़गे ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी की आलोचना करने के लिए ही एबीपी न्यूज के एडिटर मिलिंद खांडेकर और एंकर पुण्य प्रसून बाजपेयी के साथ एक एंकर को कथित तौर पर हटा दिया गया है. ये प्रेस पर सेंसरशिप है.
कांग्रेस नेता खड़गे के मुताबिक किसानों का आय दोगुनी करने के पीएम मोदी के दावे की हकीकत बताने की वजह से सरकार चैनल से नाराज थी इसलिए तीन कर्मचारियों को हटाकर चैनल का मुंह बंद करने की कोशिश की गई.
सोशल मीडिया और न्यूज रिपोर्ट्स में ऐसी खबरें है कि एबीपी न्यूज के एडिटर को दबाव में चैनल छोड़ना पड़ा है. एबीपी न्यूज के मुताबिक चैनल के एडिटर मिलिंद खांडेकर ने इस्तीफा दिया है.
कांग्रेस नेता का आरोप है कि ये प्रेस की आजादी पर सरकार का हमला है. क्योंकि सरकार चैनल को बंद करना चाहती है मीडिया को दबाना चाहती है, ये संविधान के खिलाफ है क्योंकि प्रेस की आजादी फंडामेंटल अधिकार है.
लेकिन सूचना और प्रसारण मंत्री राज्यवर्धन राठौर ने खड़गे के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि जिस चैनल की बात हो रही है उसकी टीआरपी गिरती जा रही है.
राठौर ने कटाक्ष किया कि देश के अंदर किसी भी विवाद के लिए विपक्ष सरकार को ही जिम्मेदार ठहराता है. उन्होंने कहा जिस चैनल का मामला उठाया गया उसमें पहले गलत खबर दिखायी इसके बावजूद सरकार ने किसी भी तरह की दखलंदाजी नहीं की.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
Published: 03 Aug 2018,01:40 PM IST