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10 फरवरी को कांग्रेस (Congress) पार्टी ने एक बयान जारी कर पार्टी सदस्य और प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु आचार्य प्रमोद कृष्णम को पार्टी से निष्कासित कर दिया. यह कार्यवाही उनके पार्टी विरोधी बयानों के कारण हुई है. कांग्रेस ने अपने बयान में कहा, अनुशासनहीनता और पार्टी के खिलाफ बार-बार सार्वजनिक बयान देने की शिकायतों को ध्यान में रखते हुए, कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रमोद कृष्णम को तुरंत छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित करने के उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
अपने पार्टी से निकाले जाने के बाद आचार्य प्रमोद कृष्णम ने राहुल गांधी को टैग कर ट्वीट किया और कहा, "राम और राष्ट्र पर समझौता नहीं किया जा सकता."
कुछ दिन पहले ही प्रमोद कृष्णम ने पीएम मोदी से मुलाकात की थी. जिसके बाद कांग्रेस पार्टी ने उनके निष्कासन की घोषणा की. पीएम मोदी ने उन्हें 19 फरवरी को उत्तर प्रदेश के संभल में श्री कल्कि धाम के शिलान्यास समारोह के लिए आमंत्रित किया. आचार्य प्रमोद ने शिलान्यास समारोह का निमंत्रण स्वीकार किया और पीएम मोदी को धन्यवाद देते हुए उनका आभार भी जताया था.
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने पिछले महीने कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व के राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के निमंत्रण को ठुकराने और समारोह में न जाने के फैसले की आलोचना की थी. आचार्य प्रमोद ने कहा था कि "भगवान राम भारत की आत्मा" हैं. निमंत्रण को अस्वीकार करने के कांग्रेस पार्टी के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया था.
इसके बाद कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद, ने राम मंदिर निर्माण का श्रेय पीएम मोदी को देते हुए कहा था, ''यह सही है कि राम मंदिर का निर्माण सुप्रीम कोर्ट के आदेश से हुआ है, लेकिन अगर देश में नरेंद्र मोदी के अलावा कोई और प्रधानमंत्री होता तो यह फैसला संभव नहीं होता. मैंने राम मंदिर के निर्माण और प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का श्रेय प्रधानमंत्री मोदी को दिया.
आचार्य प्रमोद ने इससे पहले नीतीश कुमार के एनडीए में शामिल हो जाने के बाद 'इंडिया ब्लॉक' की आलोचना करते हुए कहा था, इंडिया ब्लॉक जो विपक्ष के लिए एक नई उम्मीद थी, खतरे में दिख रही है. उन्होंने एएनआई से बातचीत में कहा, "पूरे देश में अकेले चुनाव लड़ने पर विचार करना चाहिए. बैसाखी के सहारे इतनी बड़ी लड़ाई नहीं लड़ी जा सकती."
कुछ दिनों पहले ही एएनआई से बातचीत में इंडिया एलायंस पर कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा था...
वहीं, आचार्य प्रमोद कृष्णम ने RLD प्रमुख जयंत चौधरी के बीजेपी के साथ जाने पर कहा था कि ‘डूबते जहाज से सब भाग जाते हैं, जहाज डूबने पर परिंदे उड़ने लगते हैं.
आचार्य प्रमोद राजस्थान के पूर्व सीएम गहलोत का भी कई बार सार्वजनिक रूप से विरोध कर चुके हैं. वे चाहते रहे कि पायलट को सीएम का चेहरा घोषित किया जाए. पिछले साल अगस्त में पूर्व सीएम गहलोत का एक ट्वीट वायरल हुआ था जिसमें वे प्लेन में बैठे फाइल पढ़ते दिख रहे हैं. उस पर आचार्य ने ट्वीट कर लिखा था कि- भ्रष्टाचार, बलात्कार, लूट, खसोट, खनन, नासिर, जुनैद...... इस ट्वीट के बाद बीजेपी ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला था.
बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आचार्य प्रमोद कृष्णम का जन्म 4 जनवरी 1965 को बिहार में हुआ है. उन्होंने संभल में श्री कल्कि फाउंडेशन की स्थापना की और कल्कि धाम के पीठाधीश्वर भी हैं. उन्होंने 2019 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लखनऊ से लड़ा था लेकिन हार गए. हालांकि, उन्हें 1.8 लाख वोट मिले थे. 2014 में आचार्य प्रमोद ने यूपी के संभल से लोकसभा चुनाव लड़ा था लेकिन हार गए थे.
आचार्य प्रमोद पहले कांग्रेस की उत्तर प्रदेश सलाहकार परिषद का हिस्सा थे, जिसका गठन पार्टी के लिए यूपी प्रभारी के रूप में प्रियंका गांधी वाड्रा की सहायता के लिए किया गया था.
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