मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Politics Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019BJP को एक और झटका मुमकिन, AGP ने गठबंधन तोड़ने की दी चेतावनी

BJP को एक और झटका मुमकिन, AGP ने गठबंधन तोड़ने की दी चेतावनी

बोरा ने शाह को लिखे पत्र में कहा कि एजीपी 1985 के असम समझौते को लागू करने को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है.

क्विंट हिंदी
पॉलिटिक्स
Published:
एजीपी अध्यक्ष अतुल बोरा ने असम में बीजेपी से गठबंधन तोड़ने की दी चेतावनी
i
एजीपी अध्यक्ष अतुल बोरा ने असम में बीजेपी से गठबंधन तोड़ने की दी चेतावनी
(फोटो: ट्विटर)

advertisement

राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के एनडीए से सोमवार को अलग होने के बाद असम गण परिषद (AGP) ने भी असम में सत्तारूढ़ बीजेपी से गठबंधन तोड़ने की चेतावनी दी है.

AGP ने रास नहीं आ रहे नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2016 के संसद में पारित होने की सूरत में बीजेपी से संबंध तोड़ने की बात कही है.

एजीपी अध्यक्ष अतुल बोरा ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को पत्र लिखकर कहा कि इस तरह की संभावना होने पर पार्टी के पास मौजूदा गठबंधन तोड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता है.

बोरा के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी असम के प्रमुख रंजीत कुमार दास ने कहा कि एजीपी के साथ गठबंधन के मुद्दे पर चर्चा 13 दिसंबर को होने वाली उनकी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में होगी.

AGP अध्यक्ष ने पत्र में क्या लिखा?

बोरा ने अपने पत्र में लिखा है कि एजीपी 1985 के असम समझौते को लागू करने को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है. राज्य का राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) का मसौदा भी समझौते के अनुरूप तैयार किया गया है.

एजीपी नागरिकता विधेयक का यह कहते हुए विरोध कर रही है कि इसके पारित होने से राज्य में एनआरसी को लेकर किए गए काम का कोई औचित्य नहीं रह जाएगा.

पत्र में ये भी कहा गया कि एजीपी और बीजेपी के बीच गठबंधन सीटों के बंटवारे, असम समझौते और राज्य के अन्य बड़े मुद्दों को लेकर हुआ था. लेकिन केंद्र की ओर से नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2016 को संसद में लाने के साथ ही इस विषय पर अध्यादेश लाने का ऐलान करने से दोनों पार्टियों के बीच बनी सहमति बिगड़ी है. साथ ही इसमें कहा गया कि असम समझौते को निरर्थक बनाने की मंशा से ऐसा किया गया.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT