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अलका लांबा बनीं कांग्रेस महिला विंग की अध्यक्ष, पूर्व AAP MLA को क्यों मिली कमान?

दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ की पूर्व अध्यक्ष, अलका लांबा कांग्रेस छोड़ 2014 में AAP में शामिल हो गईं थी.

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<div class="paragraphs"><p>अलका लांबा बनी कांग्रेस महिला विंग की अध्यक्ष, पूर्व AAP MLA को क्यों मिली कमान?</p></div>
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अलका लांबा बनी कांग्रेस महिला विंग की अध्यक्ष, पूर्व AAP MLA को क्यों मिली कमान?

(फोटोः Facebook)

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कांग्रेस ने शुक्रवार (5 जनवरी) को नेट्टा डिसूजा की जगह दिल्ली की पूर्व विधायक अलका लांबा को अपनी महिला विंग का प्रमुख नियुक्त किया. लांबा को कुछ महीने पहले कांग्रेस वर्किंग कमेटी में विशेष आमंत्रित सदस्य के तौर पर शामिल किया गया था. कांग्रेस ने पूर्व DUSU सचिव वरुण चौधरी को पार्टी की छात्र शाखा NSUI का अध्यक्ष भी नियुक्त किया.

कौन हैं अलका लांबा?

लांबा का जन्म 21 सितंबर 1975 को हुआ. उनका सियासी जीवन दिल्ली यूनिवर्सिटी में बीएससी के दौरान ही शुरू हो गया था, जब 1994 में उन्हें कांग्रेस के छात्र संगठन NSUI में कन्वेनर का पद मिला था. इसके बाद साल 1997 में अलका लांबा NSUI की अध्यक्ष भी बनीं और फिर साल 2002 में उन्हें महिला कांग्रेस का महासचिव भी बनाया गया. वो 2003 में बीजेपी नेता मदन लाल खुराना के खिलाफ चुनाव लड़ा, लेकिन हार गई थी.

दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ की पूर्व अध्यक्ष, अलका लांबा कांग्रेस छोड़ 2014 में AAP में शामिल हो गईं थी. वह 2015 में चांदनी चौक विधानसभा क्षेत्र से विधायक बनीं. लेकिन 2019 में उन्होंने आम आदमी पार्टी छोड़ दी और 2020 कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा लेकिन हार गई.

अलका लांबा

(फोटो: अलका लांबा/फेसबुक)

अलका लांबा ने क्या कहा?

अपनी नियुक्ति पर कांग्रेस नेता ने 'X' पर पोस्ट कर लिखा, "पार्टी संगठन को विश्वास दिलाती हूं कि आधी आबादी (महिलाओं) को उनके पूरे हकों और अधिकारों को दिलाने के लिए , बिना डरे और बिना रुके, अन्याय/जुल्मों के खिलाफ, महिला सशक्तिकरण के मुद्दों को लेकर पूरी तरह से समर्पित और संघर्षरत रहूंगी."

लांबा पर ही दांव क्यों?

राजनैतिक विश्लेषकों की मानें तो, अलका दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़ी हैं और लंबे समय से दिल्ली की सियासत को समझ रही हैं. उनको महिला विंग की कमान देने से पार्टी दिल्ली के अलावा देश भर के विश्वविद्यालों में छात्रों और महिलाओं को भी अपने साथ जोड़ना चाहती है.

सोनिया गांधी के साथ अलका लांबा

(फोटो: अलका लांबा/फेसबुक)

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अलका लांबा वक्ता के साथ एक सुलझी हुई नेता. उन्हें मुद्दों की समझ है और वो काउंटर करने में भी माहिर है. इसके अलावा युवा और ऊर्जावान होना भी उनके पक्ष में हैं. पार्टी मिशन 2024 में युवा और महिला वोटर्स को कांग्रेस की तरफ आकर्षित करने में जुटी है. इसलिए पार्टी के संगठन में हुई हालिया नियुक्ति में कई युवाओं को आगे किया जा रहा है.

भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी के साथ अलका लांबा

(फोटो: अलका लांबा/X)

एनएसयूआई के प्रभारी के तौर पर कन्हैया कुमार की नियुक्ति, लोकसभा चुनाव के लिए बनाई गई क्लस्टर आधारित स्क्रीनिंग कमेटी में विश्वजीत कादम और जिग्नेश मेवानी की नियुक्ति भी उसी प्लान के तहत हुई है.

खड़गे ने कई कमेटियों का किया गठन

लोकसभा चुनाव की तैयारी में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने उम्मीदवारों की शॉर्टलिस्टिंग के लिए पांच स्क्रीनिंग समितियां भी गठित कीं. पार्टी ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पांच समूहों में विभाजित किया है और प्रत्येक के लिए एक स्क्रीनिंग समिति नियुक्त की है.

स्क्रीनिंग समितियों का नेतृत्व राजस्थान के नेता हरीश चौधरी, अनुभवी मधुसूदन मिस्त्री, महाराष्ट्र के नेता और राज्यसभा सांसद रजनी पाटिल, ओडिशा के नेता भक्त चरण दास और पंजाब के नेता राणा केपी सिंह करेंगे.

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