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बीजेपी को मिला गुमनाम स्रोतों से सबसे अधिक राजनीतिक चंदा 

बीजेपी को दूसरे राजनीतिक दलों की तुलना में काफी ज्यादा चंदा 

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पॉलिटिक्स
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एडीआर की रिपोर्ट में कहा गया है कि बीजेपी को 2016-17 में 500 करोड़ से ज्यादा चंदा मिला
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एडीआर की रिपोर्ट में कहा गया है कि बीजेपी को 2016-17 में 500 करोड़ से ज्यादा चंदा मिला
(फोटोः रॉयटर्स)

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सात नेशनल पार्टियों को 2016-17 के दौरान गुमनाम स्रोतों से 710.80 करोड़ रुपये का चंदा मिला है. इस दौरान पार्टियों ने 589.38 करोड़ रुपये के घोषित चंदे (20,000 रुपये से अधिक राशि में) का ऐलान किया है. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इसमें से 532.27 करोड़ रुपये का घोषित चंदा अकेले बीजेपी को मिला है. उसे यह चंदा 1,194 यूनिटों से हासिल हुआ.

बीजेपी को दूसरी पार्टियों से नौ गुना चंदा

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट में कहा गया है कि बीजेपी को मिला चंदा (घोषित) कांग्रेस, एनसीपी, सीपीआई, सीपीएम और अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस को कुल मिलाकर प्राप्त चंदे से नौ गुना अधिक है. राष्ट्रीय दलों ने उन्हें प्राप्त 20,000 रुपये से अधिक राशि वाले 589.38 करोड़ रुपये के चंदे की घोषणा की है. यह चंदा राष्ट्रीय दलों को 2,123 इकाइयों से मिला. इसमें से बीजेपी को 1,194 इकाइयों से 532.27 करोड़ रुपये जबकि कांग्रेस को 41.90 करोड़ रुपये का चंदा 599 इकाइयों से मिला.

बीएसपी का दावा,20 हजार से अधिक का एक भी चंदा नहीं मिला

बहुजन समाज पार्टी ने कहा है कि 2016-17 के दौरान उसे 20,000 रुपये से अधिक की राशि में कोई चंदा नहीं मिला. पिछले 11 साल से बीएसपी लगातार इसी तरह की घोषणा करती रही है. एडीआर और नेशनल इलेक्शन वॉच की तैयार रिपोर्ट में बताया गया है कि 2016-17 में राष्ट्रीय दलों को 2015-16 की तुलना में 487.36 करोड़ रुपये का चंदा अधिक मिला. इससे पिछले वित्त वर्ष में उन्हें 102.02 करोड़ रुपये का चंदा मिला था.

इसके अनुसार 2015-16 में बीजेपी को जहां 76.85 करोड़ रुपये का चंदा मिला था वहीं 2016-17 में उसे 532.27 करोड़ का चंदा मिला. एनसीपी को 2015-16 में सिर्फ 71 लाख रुपये का चंदा मिला था जो 2016-17 में बढ़कर 6.34 करोड़ रुपये हो गया. इस अविध में एआईटीसी को मिले चंदे की राशि में 231 फीसदी , सीपीएम को मिले चंदे में 190 फीसदी और कांग्रेस को प्राप्त चंदे में 105 फीसदी का इजाफा का इजाफा हुआ

वहीं सीपीआई की चंदा राशि इस अवधि में 9 फीसदी घट गई. रिपोर्ट में कहा गया है कि 2016- 17 में राष्ट्रीय दलों की कुल प्राप्ति 1,559.17 करोड़ रुपये रही. इसमें से ज्ञात स्रोतों से उनकी आय सिर्फ 589.38 करोड़ रुपये रही , जो कुल आय का मात्र 37.8 फीसदी है. इसी तरह इन दलों की अन्य ज्ञात स्रोतों मसलन संपत्ति की बिक्री , सदस्यता शुल्क , बैंक ब्याज , प्रकाशन की बिक्री और पार्टी शुल्क से आय 258.99 करोड़ रुपये रही , जो कुल आय का 16.61 फीसदी है.

द क्विंट ने इस बात का खुलासा किया था कि इलेक्टोरल बॉन्ड में छिपे हुए नंबर हैं(फोटो: क्विंट हिंदी)
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गुमनाम स्त्रोतों से हासिल चंदे में सबसे अधिक हिस्सेदारी बीजेपी की

एडीआर के अनुसार इन सात राष्ट्रीय दलों की अज्ञात स्रोतों (आयकर रिटर्न में जिनका ब्योरा है लेकिन स्रोत अज्ञात है) से आय 2016-17 में 710.80 करोड़ रुपये रही , जो उनकी कुल आय का 45.59 फीसदी है. वर्ष 2016-17 में बीजेपी की अज्ञात स्रोतों से आय 464.94 करोड़ रुपये रही , जबकि कांग्रेस की अज्ञात स्रोतों से आय 126.12 करोड़ रुपये रही. अज्ञात स्रोतों में सबसे अधिक राशि बीजेपी ने स्वैच्छिक योगदान के रूप में जुटाई. इस मद में पार्टी ने 464.84 करोड़ रुपये जुटाए जो अज्ञात स्रोतों से उसकी आय का 99.98 फीसदी बैठता है. वहीं कांग्रेस की अज्ञात स्रोतों से आय में प्रमुख योगदान कूपन बिक्री का रहा. इस मद में पार्टी ने 115.64 करोड़ रुपये जुटाए जो उसकी अज्ञात स्रोतों से आय का 91.69 फीसदी बैठता है.

रिपोर्ट में बताया गया है कि राष्ट्रीय दलों को कुल 563.24 करोड़ रुपये के 708 चंदे कॉरपोरेट व्यापारिक क्षेत्र से मिला. यह कुल चंदे का 95.56 फीसदी है. वहीं उन्हें 25.07 करोड़ रुपये का चंदा 1,354 व्यक्तिगत चंदा देने वालों से प्राप्त हुआ. एडीआर ने कहा कि बीजेपी को कॉरपोरेट - व्यापारिक चंदा 515.43 करोड़ रुपये का मिला. वहीं कांग्रेस को कॉरपोरेट व्यापारिक इकाइयों से 36.06 करोड़ रुपये का चंदा मिला.

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Published: 30 May 2018,08:39 PM IST

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