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लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश होने को लेकर असमंजस बरकार है. पिछले चार दिनों से टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस इसे पेश कराने के लिए जोर लगा रही है. लेकिन संदन में हंगामे की वजह से ये नहीं हो पा रहा है.
बुधवार को टीडीपी और वाईएसआर ने लोकसभा महासचिव को लेटर लिख कर इसे गुरुवार को पेश कराने के लिए गुजारिश की. आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिए जाने से ये दोनों पार्टियां नाराज हैं. इसी मुद्दे पर पिछले शुक्रवार को टीडीपी केंद्र की सत्ताधारी एनडीए से अलग हो गई थी.
आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं देने से नाराज टीडीपी
टीडपी और वाईएसआर कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव पर जोर
अन्य पार्टियों का सपोर्ट जुटा रही हैं ये दोनों पार्टियां
लोकसभा में मौजूदा सदस्यों की संख्या 539
बीजेपी के 274 सदस्य हैं, यह बहुमत से अधिक है
अविश्वास प्रस्ताव के लिए कम से कम 50 सदस्यों की जरूरत
बजट सेशन के दूसरे चरण में 5 मार्च को शुरू होने के बाद से लोकसभा की कार्यवाही पीएनबी धोखाधड़ी मामले, आंध्र प्रदेश के लिए विशेष दर्जे की मांग और तेलंगाना में आरक्षण के मुद्दे समेत कई विषयों पर लगभग रोजाना बाधित हो रही है.
संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने लोकसभा स्पीकर से सहा, मैं सभी सांसदों से अपील करता हूं कि वे सदन को चलने दें. अविश्वास प्रस्ताव, बैंक धोखाधड़ी जैसे सभी मुद्दों पर सरकार चर्चा के लिए तैयार है.
बजट सत्र के दूसरे चरण में लगातार 14वें दिन भी प्रश्नकाल हंगामे की भेंट चढ़ गया. लोकसभा का कामकाज गुरुवार सुबह जैसे ही शुरू हुआ. एआईएडीएमके और टीआरएस के सदस्य नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष के आसन के करीब पहुंच गए. लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने प्रश्नकाल चलाने का प्रयास किया लेकिन हंगामा थमता नहीं देख उन्होंने सदन की कार्यवाही एक घंटे के लिए स्थगित कर दी.
तेलंगाना में आरक्षण से जुड़े मुद्दे पर टीआरएस के सदस्यों और कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड के गठन की मांग को लेकर एआईएडीएमके के भारी हंगामे के कारण आज लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.
विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर वाईएसआर कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों की तरफ से आंध्र प्रदेश में राज्यव्यापी बंद का आयोजन किया जा रहा है.
आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर टीडीपी सांसद संसद भवन परिसर में विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं.
आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के मुद्दे पर तेलगू देशम पार्टी (टीडीपी) के समर्थक गुरुवार सुबह से ही विजयवाड़ा में प्रदर्शन कर रहे हैं.
टीडीपी सांसद जयदेव गल्ला ने कहा कि सरकार चर्चा से भाग रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि स्पीकर भी सरकार की मदद कर रही है.
संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि सरकार संसद के मौजूदा सत्र की अवधि में कटौती नहीं करेगी. साथ वह उसके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव समेत सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि हम दोनों सदनों के ठीक से काम करने का इंतजार कर रहे हैं. हम सभी मुद्दों पर जवाब देने के लिए तैयार हैं.
आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा दिलाने के मुद्दे पर संसद परिसर में बुधवार सुबह से ही टीडीपी सांसद प्रदर्शन कर रहे हैं.
टीआरएस और एआईएडीएमके के भारी हंगामे के कारण लोकसभा में कामकाज शुरू होने के साथ ही दोपहर 12 बजे तक के लिए रोक दिया गया. बजट सत्र के दूसरे चरण में पिछले दो सप्ताह का कामकाज भी हंगामे के कारण नहीं हो सका. आज लगातार 12वें दिन भी प्रश्नकाल हंगामे की भेंट चढ़ गया.
तेलंगाना में आरक्षण से जुड़े मुद्दे पर टीआरएस और कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड के गठन की मांग को लेकर एआईएडीएमके सांसदों ने भारी हंगामा किया.
लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव का सपोर्ट करने के लिए वाईएसआर कांग्रेस के सांसद एआईएडीएमके सांसदों से समर्थन मांग रहे हैं.
टीडीपी प्रमुख और आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव के लिए पूरी तैयारी में हैं. उन्होंने कहा, मैं सभी पार्टी के नेताओं से आंध्र प्रदेश और अविश्वास प्रस्ताव के मुद्दे पर सपोर्ट के लिए बात करूंगा. बीजेपी, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी और जन सेना जैसी तीन पार्टियां टीडीपी को नुकसान पहुंचाने के एजेंडे पर काम कर रही है.
टीडीपी सांसद थोटा नरसिम्हा ने कहा, लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव के लिए नोटिस देंगे. जब तक हमारी मांगे नहीं मानी जाएगी. हम अपना विरोध जारी रखेंगे.
समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने कहा, विपक्षी पार्टी अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए तैयार है. लेकिन एआईएडीएमके केंद्र सरकार के इशारे पर काम कर रही है और सदन में कामकाज नहीं होने दे रही.
भारी हंगामे के बीच लोकसभा की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित हो गई है. बीजेपी के अपने ही सहयोगी मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं. उनकी सहयोगी रह चुकी टीडीपी ने अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया था, लेकिन भारी हंगामे के चलते लोकसभा की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी. और आज अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सका.
एआईएडीएमके के सूत्रों के मुताबिक, अविश्वास प्रस्ताव को लेकर अभी तक पार्टी का रुख साफ नहीं है.
टीडीपी और वाईएसआर के अविश्वास प्रस्ताव पर केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा, सरकार इस अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि हम कॉन्फिंडेंट हैं.
सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने को लेकर शिव सेना ने अपना रुख साफ नहीं किया है. शिव सेना नेता संजय राउत ने कहा कि हम अभी इंतजार करेंगे. हम देखेंगे कि लोकसभा स्पीकर अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार करती हैं या नहीं. विशेष राज्य के दर्जे का मुद्दा टीडीपी का है, और हम इसका स्वागत करते हैं. लेकिन अभी हमने अविश्वास प्रस्ताव पर कोई फैसला नहीं किया है. हमारे नेता उद्धव ठाकरे से इस बात पर आखिरी फैसला लेंगे.
टीडीपी ने अपने सांसदों के लिए व्हिप जारी किया है. पार्टी की तरफ से ये सासंदों को ये निर्देश दिया गया है कि बजट सत्र खत्म होने तक सभी सांसद लोकसभा में मौजूद रहे.
सरकार ने भरोसा जताया है कि नोटिस स्वीकार कर लिये जाने पर भी लोकसभा में उसकी संख्या बल के कारण प्रस्ताव औंधे मुंह गिर जाएगा. लोकसभा में मौजूदा सदस्यों की संख्या 539 है और सत्तारूढ़ बीजेपी के 274 सदस्य हैं. यह बहुमत से अधिक है और पार्टी को कई घटक दलों का समर्थन भी है.
टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस दोनों पार्टियां अपने- अपने नोटिसों पर समर्थन जुटाने के लिए विपक्षी दलों को अपने साथ लाने की तैयारी कर रही हैं. अविश्वास प्रस्ताव नोटिस के लिए सदन में कम से कम 50 सदस्यों का समर्थन चाहिए.
केंद्र की ओर से आंध्रप्रदेश को विशष दर्जा दिए जाने से इनकार के बाद सबसे पहले वाईएसआर कांग्रेस ने पिछले सप्ताह अविश्वास प्रस्ताव लाने का नोटिस दिया था. मुद्दे पर बीजेपी की लंबे समय से सहयोगी रही टीडीपी ने इसके बाद सरकार से अपना नाता तोड़ने का फैसला किया और खुद ही अविश्वास प्रस्ताव लायी.
वाईएसआर कांग्रेस के वाई वी सुब्बा रेड्डी ने लोकसभा सचिवालय को शनिवार की संशोधित कार्य सूची में उनका नोटिस रखने के लिए पत्र लिखा था. पिछले सप्ताह नोटिस नहीं लिए जाने पर संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने दलील दी थी कि सदन में आसन के पास जाकर कई दलों के सदस्यों की नारेबाजी के कारण सदन में व्यवस्था नहीं बन पाने के कारण ऐसा नहीं हो पाया.
सरकार के साथ अक्सर सहयोग करने वाली टीआएस और एआईएडीएमके कई मुद्दों पर विरोध कर रही है इसलिए इस पर अनिश्चितता ही है कि सोमवार को व्यवस्था बन पाएगी.
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Published: 19 Mar 2018,09:30 AM IST