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लोकसभा उपचुनाव में मिली हार के बाद अब केंद्र में NDA सरकार को संसद में पहले अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ रहा है. आंध्र प्रदेश के मुद्दे पर लोकसभा में वाईएसआर कांग्रेस के वाई. वी. सुब्बारेड्डी और टीडीपी के टी. नरसिंहन ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया हालांकि सदन में व्यवस्था नहीं होने के कारण इसे आगे नहीं बढ़ाया जा सका. सदन में कई मुद्दों पर सदस्यों के हंगामे की वजह से एक बार के स्थगन के बाद लोकसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई.
चंद्रबाबू नायडू ने कहा, "अरुण जेटली ने कहा कि भावनाएं फंड्स की मात्रा में बढ़ोतरी नहीं कर सकती. यह कितना लापरवाही वाला बयान था. तेलंगाना भावनाओं पर ही तैयार किया गया. भावनाएं बहुत ताकतवर होती हैं. अब आप अन्याय कर रहे हैं."
लोकसभा की कार्यवाही स्थगित
लोकसभा में दोपहर 12 बजे कार्यवाही फिर शुरू होने पर अलग-अलग दलों के सदस्य अध्यक्ष के पास आकर नारेबाजी करने लगे. इस दौरान अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन में आवश्यक कागजात सभापटल पर रखवाये. इसके बाद अध्यक्ष ने कहा कि उन्हें वाई. वी. सुब्बारेड्डी और टी. नरसिंहन का सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस मिला है. लेकिन सदन में व्यवस्था नहीं है. उन्होंने कहा कि वो अनुरोध करती हैं कि सदस्य अपनी जगह पर जाएं. अध्यक्ष के आग्रह के बावजूद सदस्यों का हंगामा जारी. इस पर अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा, ‘‘ चूंकि सदन में व्यवस्था नहीं है, इसलिए वाईएसआर कांग्रेस के वाई. वी. सुब्बारेड्डी और तेदेपा के टी. नरसिंहन के अविश्वास प्रस्ताव को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता.''
ओवैसी के अलावा ममता बनर्जी की टीएमसी ने भी इस प्रस्ताव के समर्थन करने की बात कही है.
दिल्ली में टीडीपी नेताओं ने शुक्रवार सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी पर हमला बोला. NDA से अलग होने के बाद उन्होंने कहा, बीजेपी का मतलब है ‘ब्रेक जनता प्रॉमिस’.
टीडीपी के नेता वायएस चौधरी के ने कहा,
अमरावती में हुई टीडीपी की पोलित ब्यूरो की बैठक में लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करने का भी फैसला लिया गया.
वाईएसआर कांग्रेस ने केंद्र में बीजेपी की अगुआई वाली एनडीए सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया है. आंध्र की इस पार्टी के सांसदों ने अपने राज्य को केंद्र से विशेष राज्य का दर्जा न मिलने से नाराज होकर यह फैसला किया है.
TDP ने NDA से नाता तोड़ लिया है. शुक्रवार को हुई बैठक में यह फैसला लिया गया.
गोरखपुर और फूलपुर में बीजेपी की हार के बाद बीजेपी के विरोधी ज्यादा आक्रामक हो गए हैं. एनडीए में बीजेपी के बड़े सहयोगी उससे खुश नहीं हैं. बीजेपी के बड़े सहयोगियों के भीतर यह भावना तेजी से बढ़ रही है कि यह छोटी सहयोगी पार्टियों और व्यक्ति आधारित दलों को तवज्जो देती है. इस तनातनी की वजह से हाल के दिनों में बड़े सहयोगियों के साथ उसके रिश्तों में खटास आती जा रही है.
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Published: 16 Mar 2018,09:53 AM IST