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"विधायकों ने बगावत क्यों की, रिसर्च करने की जरूरत",अशोक गहलोत ने बताई पूरी कहानी

Rajasthan Political Crisis: अशोक गहलोत ने बिना नाम लिए सचिन पायलट पर भी निशाना साधा.

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<div class="paragraphs"><p>Breaking News: सोनिया गांधी से मिलने 10 जनपथ पहुंचे अशोक गहलोत</p></div>
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Breaking News: सोनिया गांधी से मिलने 10 जनपथ पहुंचे अशोक गहलोत

(फोटो: IANS)

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राजस्थान कांग्रेस संकट को लेकर सीएम अशोक गहलोत ने बताया कि विधायकों ने बगावत क्यों की? उन्होंने नाम न लेते हुए सचिन पायलट पर निशाना साधा और 2020 साजिश का जिक्र किया.

मीडिया से क्या बोले गहलोत

अशोक गहलोत ने कहा, बीजेपी हर वक्त यही कोशिश करती है और करेगी कि कैसे सरकार को डिस्टर्ब करें. अनस्टेबल करें. कैसे बस चले तो सरकार गिरा दें. बीजेपी पूरी मिली हुई थी उस वक्त भी इन लोगों से... अमित शाह के यहां मीटिंग भी हुई थी. सब जानते हैं, कुछ विधायक गए थे, बातचीत भी हुई थी. अमित शाह, धर्मेंद्र प्रधान, जफर इस्लाम सब बैठे खूब बातचीत कर रहे थे. वो अमित शाह विधायकों को खूब मिठाइयां खिला रहे थे, हमारे विधायकों को हंस-हंसकर कह र​हे थे कि थोड़ा इंतजार, थोड़ा इंतजार और आखिर में सच्चाई की विजय हुई और सरकार बच गई.

उन्होंने कहा, मैं कैसे मेरे 102 विधायकों को भूल सकता हूं? मैं कहां रहूं, नहीं रहूं, अलग बात है, लेकिन जिनसे मैंने वादा किया था कि मैं आपका अभिभावक हूं, उनको मैं कैसे भूल सकता हूं.

गहलोत ने कहा, आज मेरे खिलाफ उनमें से कुछ लोग अगर कमेंट भी करते हैं, तब भी मैं उनका अहसान कैसे भूल सकता हूं क्योंकि उन्होंने तो मेरी सरकार बचाई थी, बाद में कई इक्वेशन बदल जाती हैं. कई गलतफहमी हो जाती है. लेकिन सरकार गिराने के लिए उस वक्त 10-10 करोड़ रुपए मिल रहे थे. होटल से बाहर जाने वालों को 10 करोड़ रुपए ऑफर किए गए. जब गवर्नर साहब ने डेट फिक्स कर दी असेंबली बुलाने की.

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"पद मेरे लिए कुछ नहीं, प्रदेशवासियों को नमन" 

गहलोत ने कहा,

मेरे मुख्यमंत्री काल में इतना बड़ा क्राइसिस आया और प्रदेशवासियों के आशीर्वाद से, सहयोग से, समर्थन से हमने उनको विफल कर दिया और हम लोग कामयाब हो गए, उन प्रदेशवासियों को मैं हमेशा सलाम करता हूं. इसलिए मैं कहता हूं कि इनसे दूर मैं कैसे हो सकता हूं? मेरे लिए पद-वद कुछ नहीं है.

विधायकों ने क्यों बगावत किया, रिसर्च की जरूरत: गहलोत

"मैं तो मेरा काम करता जा रहा हूं, बाकी कोई निर्णय करना है या नहीं करना है, ये सब हाईकमान का काम होता है, हमारा काम नहीं होता है. कभी हाईकमान के जो प्रतिनिधि आते हैं, वो हाईकमान के बिहाफ पर आते हैं. तो सबकी ड्यूटी है कि वो एक प्रस्ताव पास करें, विश्वास प्रकट करें कांग्रेस अध्यक्ष पर. परंतु यहां परिस्थिति ऐसी बन गई, अब क्यों बन गई, उसके ऊपर रिसर्च करने की आवश्यकता है, ऐसी नौबत क्यों आ गई कि मेरी बात भी नहीं मानने लगे लोग."

खड़गे अनुभवी, थरूर एलीट क्लास

राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को लेकर पूछे जाने पर गहलोत ने कहा कि खड़गे साहब बहुत ही अनुभवी व्यक्तित्व के धनी हैं. 11 बार चुनाव जीते हैं, 9 बार असेंबली का, 2 बार पार्लियामेंट का और लंबा राजनीतिक जीवन उनका है, बहुत अनुभवी हैं संगठन के लिए भी और विधानसभा हो चाहे लोकसभा हो और बहुत ही साफ दिल के इंसान हैं, दलित वर्ग से आते हैं, 50 साल के बाद में कांग्रेस में कोई दलित कांग्रेस अध्यक्ष बना है तो सब जगह वेलकम हो रहा है.

शशि थरूर जी भी अच्छे आदमी हैं. अच्छे विचार रखते हैं. यूएन में वो थे, पर वो एक अलग क्लास हैं, एलीट क्लास हैं.

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