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राजस्थान में मंत्रियों में विभागों के बंटवारे से साफ है कि इसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ही सबसे ज्यादा चली है. बंटवारे के बाद वो सचिन पायलट के मुकाबले और ज्यादा मजबूत होकर उभरे हैं.
मुख्यमंत्री गहलोत ने वित्त और गृह समेत 9 विभाग अपने पास रखे हैं. उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को पीडब्लूडी समेत पांच विभाग मिले हैं. मंत्रियों को जिम्मेदारी देने में इतना वक्त लगा इसलिए अटकलें लगाई जा रही थीं कि पायलट और गहलोत के बीच बंटवारे को लेकर मतभेद हैं.
देश का पहला गाय मंत्रालय वसुंधरा राजे की बीजेपी सरकार के वक्त शुरु हुआ था. गहलोत ने भी इसे तरजीह देते हुए कैबिनेट मंत्री प्रमोद जैन भाया को इसकी जिम्मेदारी सौंपी है. जैन के पास इसके अलावा खान मंत्रालय भी होगा
सामाजिक न्याय और अधिकारिता और आपदा प्रबंधन
कृषि, पशुपालन और मछली पालन विभाग
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, आयुर्वेद, व सूचना एवं जनसंपर्क विभाग
सुभाष गर्ग को तकनीकी शिक्षा, संस्कृति विभाग (स्वतंत्र प्रभार)
(इनपुट भाषा)
पहले मंत्रिमंडल विस्तार और फिर उनको विभागों के बंटवारे में देरी से साफ है कि गहलोत और पायलट के बीच कई मामलों पर अभी भी थोड़ा बहुत विवाद है. हालांकि पायलट के मुताबिक मंत्रिमंडल संतुलित है और इसमें कुछ लोगों को और शामिल किया जा सकता है.
कांग्रेस के सीपी जोशी, हेमाराम चौधरी, दीपेंद्र सिंह शेखावत, परसराम मोरदिया और राजेंद्र पारीक जैसे वरिष्ठ नेताओं को मौजूदा मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिल पाई है. जोशी और शेखावत तो मंत्रिमंडल विस्तार के वक्त आए भी नहीं.
राजस्थान में मुख्यमंत्री सहित 30 मंत्री बन सकते हैं और अब तक मंत्रिमंडल में 25 सदस्य हो गए हैं यानी सिर्फ 5 मंत्री बनाने की गुंजाइश ही बची है.
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Published: 27 Dec 2018,01:47 PM IST