राम मंदिर पर SC का सुझाव: किसने नकारा, किसने स्वीकारा?
सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद को अदालत से बाहर सुलझाने का सुझाव दिया है.
नवनीत गौतम
पॉलिटिक्स
Updated:
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उत्तरप्रदेश के अयोध्या में रामकोट पहाड़ी पर बनी हुई है बाबरी मस्जिद (फोटो: यू-ट्यूब)
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सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद को अदालत से बाहर सुलझाने का सुझाव दिया है. अदालत के इस सुझाव पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने ‘अच्छी टिप्पणी' की है. पर्सनल लॉ बोर्ड इस मामले पर अदालत से बाहर बातचीत के लिए तैयार है. आइए जानते हैं इस मामले पर किसकी क्या राय है:
<b>उच्चतम न्यायालय ने अच्छी टिप्पणी की है. अगर मसले का हल बातचीत से निकल जाए तो यह अच्छी बात है और यह सबके लिए खुशकिस्मती होगी. हम बातचीत के लिए तैयार हैं. उच्चतम न्यायालय की मध्यस्थता में अगर सभी पक्ष बातचीत के लिए बैठेंगे तो बेहतर होगा. यह कोशिश होनी चाहिए. </b>
- मौलाना वली रहमानी, महासचिव, पर्सनल लॉ बोर्ड
<b>सुप्रीम कोर्ट का सुझाव स्वागत योग्य है. इस पूरे मामले पर यूपी सरकार पूरा सहयोग करेगी. </b>
-योगी आदित्यनाथ, सीएम, उत्तर प्रदेश
<b>अगर दोनों पक्षों के लोग बैठकर इस मामले को सुलझा लें, तो इससे बेहतर कुछ नहीं होगा. दोनों तरफ के प्रमुख संतों और इमामों को इसमें आगे आना चाहिए. </b>
- डॉक्टर उमेर अहमद इलियासी, अखिल भारतीय इमाम संगठन के प्रमुख
<b>बातचीत का रास्ता पहले भी कई बार विफल हो चुका है. अदालत के बाहर कोई भी समझौता संभव ही नहीं है. </b>
- जफरयाब जिलानी, कनवीनर, बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी
<b>बातीचत से मसला नहीं सुलझा था, तभी तो मामला कोर्ट में गया था. अगर पहले ही मामला बात करने से सुलझ जाता तो कोर्ट में जाने की क्या जरूरत थी. </b>
- सीताराम येचुरी, सीपीआई(एम)
<b>सुप्रीम कोर्ट की तरफ से उठाया गया यह कदम स्वागत करने योग्य है. मुझे पूरा भरोसा है कि मामला अदालत के बाहर भी सुलझ सकता है. </b>
- उमा भारती, केंद्रीय मंत्री
<b>इस मामले पर कोई भी फैसला धर्म संसद और कोर्ट में जाने वाली अन्य पार्टियों को करना है. वहां एक भव्य राम मंदिर बनना ही चाहिए, जो पूरे देश के सहयोग से बने. </b>
- दत्तात्रेय होसबोले, सहसरकार्यवाह, आरएसएस
<b>केंद्र सरकार दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता करने के लिए तैयार है.</b>
- महेश शर्मा, केंद्रीयमंत्री
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