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राम मंदिर पर फैसला आने से पहले ही हलचल शुरू हो चुकी है. अब बीजेपी ने भी अपने कार्यकर्ताओं को सचेत किया है और सोशल मीडिया पर किसी भी तरह की कोई जल्दबाजी या फिर बयानबाजी न करने की सलाह दी है. बीजेपी कार्यकर्ताओं को सोशल मीडिया जैसे- वॉट्सऐप, ट्विटर आदि पर वायरल मैसेज फॉरवर्ड न करने और मुखर होकर ट्वीट नहीं करने को कहा है.
न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक बीजेपी सूत्रों का कहना है कि मामला संवेदनशील है और इस मसले पर किसी भी तरह कानून-व्यवस्था को लेकर चुनौती खड़ी हुई तो फिर केंद्र और राज्य में बीजेपी की ही सरकार होने के कारण जवाबदेही उसी की होगी. बीजेपी मुख्यालय पर प्रवक्ताओं और सोशल मीडिया टीम से जुड़े प्रमुख लोगों की सोमवार को हुई बैठक में ये बात कही गई.
बीजेपी की इस बैठक में कार्यकर्ताओं के अलावा प्रवक्ताओं को भी सलाह दी गई. बैठक में पार्टी नेतृत्व के हवाले से कहा गया कि प्रवक्ता बयान देते समय संयम बरतें. कहा गया कि टीवी डिबेट में या सार्वजनिक रूप से प्रवक्ता ऐसी कोई बात न कहें, जिससे किसी की भावनाएं भड़कें.
बैठक में यह भी कहा गया कि अगर फैसला मंदिर के पक्ष में आता है, तब भी इस पर जश्न न मनाएं. इसे किसी की जीत-हार से न जोड़ें. इस मुद्दे पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बयान पर गौरकर ही कुछ बोलें. राष्ट्रीय महासचिव अनिल जैन, पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने यह बैठक ली.
इससे पहले उत्तर प्रदेश के DGP ओपी सिंह ने कहा था कि अयोध्या में अगर किसी ने कानून व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश की तो उस पर नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) लग सकता है. उन्होंने कहा था, "हम पूरी तरह तैयार हैं. किसी भी परिस्थिति में किसी को कानून हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा. हमारा खुफिया तंत्र सतर्क है. अगर जरूरत पड़ी, तो कानून व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश करने वालों पर नेशनल सिक्योरिटी एक्ट लगाया जाएगा.’’
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Published: 05 Nov 2019,09:37 AM IST