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पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो (Babul Supriyo) शनिवार को तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे. रविवार को उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए ममता बनर्जी को धन्यवाद दिया.
सुप्रियो ने कहा, 'मैं ममता दीदी, अभिषेक बनर्जी को टीएमसी की 'प्लेइंग 11' में मौका देने के लिए धन्यवाद देता हूं. मुझे सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग की जानकारी है. मैं पिछले सात वर्षों से राजनीति में लगा हुआ हूं. मुझे लगा कि यह एक जन कल्याण के लिए अच्छा अवसर (टीएमसी में शामिल होने पर)."
इससे पहले बीजेपी पश्चिम बंगाल इकाई ने दावा किया कि सुप्रियो के इस्तीफे का भगवा पार्टी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है.
पश्चिम बंगाल के भाजपा नेताओं ने सुप्रियो को एक 'अवसरवादी' करार दिया, जो 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी में शामिल हो गए थे और केंद्रीय मंत्रिमंडल से हटाए जाने के तुरंत बाद चले गए.
भाजपा पश्चिम बंगाल के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, “सुप्रियो ने अपने लोकसभा क्षेत्र आसनसोल में कैडर और लोगों के बीच अपनी लोकप्रियता खो दी.वह आठ महीने से अधिक समय से अपने निर्वाचन क्षेत्र से पूरी तरह गायब थे. उन्होंने राज्य में अपनी लोकप्रियता खो दी है और पांच महीने पहले सुप्रियो के विधानसभा चुनाव हारने के पीछे यही एक कारण है.
घोष ने आगे कहा कि सुप्रियो की पहली प्राथमिकता लोगों के लिए बिना किए मंत्री बने रहना हैं.केंद्रीय मंत्रिमंडल से हटाए जाने के तुरंत बाद, बाबुल ने राजनीति छोड़ने की घोषणा की.दो दिनों के भीतर उन्होंने अपना विचार बदल दिया और कहा कि वह आसनसोल के लोगों की सेवा करने के लिए सांसद बने रहेंगे.कल वह टीएमसी में शामिल हो गए. घोष ने कहा उनका एकमात्र एजेंडा केवल पद पाना है न कि जनता कि सेवा करना.
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Published: 19 Sep 2021,07:38 PM IST