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G-20 शिखर सम्मेलन के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति की ओर से दिए जाने वाले डिनर के लिए छपे कथित निमंत्रण पत्र को लेकर विवाद हो गया है. यह विवाद राष्ट्रपति की ओर से भेजे गए निमंत्रण पत्र में कथित तौर पर 'भारत' के अंग्रेजी नाम 'इंडिया' का प्रयोग न करने से पैदा हुआ है. विपक्ष इसे लेकर सरकार पर हमलावर है, तो वहीं सरकार के नुमाइंदे इसे संस्कृति और पहचान से जोड़कर पेश कर रहे हैं.
कांग्रेस ने इस मुद्दे पर प्रमुखता से सरकार का विरोध किया है. कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा कि "G-20 सम्मेलन के लिए राष्ट्रपति द्वारा मेहमानों को भेजे गए आमंत्रण पत्र में रिपब्लिक ऑफ 'इंडिया' की जगह रिपब्लिक ऑफ 'भारत' शब्द का इस्तेमाल किया गया है. INDIA से इतना डर? यह विपक्ष के लिए मोदी सरकार की नफरत है या एक डरे और सहमे हुए तानाशाह की सनक?"
दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने भी इसपर अपनी राय व्यक्त की. उन्होंने इसे देश से साथ गद्दारी बताया है.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरते हुए कहा "मोदी इतिहास को विकृत करना और इंडिया को विभाजित करना जारी रख सकते हैं, जो भारत है, जो राज्यों का संघ है, लेकिन हम विचलित नहीं होंगे. आख़िर क्या है India पार्टियों का उद्देश्य?"
इसके बाद उन्होंने भारत शब्द का भी मतलब बता दिया. आप नीचे ट्वीट में देख सकते हैं.
आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा ने अपने ट्विटर अकाउंट से इस कथित निमंत्रण पत्र का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखा है कि ये देश किसी एक राजनीतिक पार्टी का नहीं है.
उन्होंने लिखा, "जी-20 के न्योते पर बीजेपी की ओर से प्रेजिडेंट ऑफ इंडिया की जगह प्रेजिडेंट ऑफ भारत का जिक्र करने से बहस छिड़ गई है. बीजेपी 'INDIA'पर हमला कैसे कर सकती है? ये देश किसी एक राजनीतिक पार्टी का नहीं है. ये 135 करोड़ भारतीयों का है. हमारी राष्ट्रीय पहचान बीजेपी की निजी संपत्ति नहीं है जिसे अपनी मर्जी से बदल दिया जाए."
असम के सीएम और बीजेपी नेता हिमंता बिस्व शर्मा ने जयराम रमेश के ट्वीट का जवाब देते हुए कहा, "अब मेरी आशंका सच साबित हो गई है. ऐसा लगता है कि कांग्रेस पार्टी को भारत से सख्त नफरत है. ऐसा प्रतीत होता है कि 'I.N.D.I.A.' नाम जानबूझकर भारत को हराने के उद्देश्य से चुना गया था."
DMK संसदीय दल के नेता टी.आर. बालू का कहना है कि इसमें कोई दिक्कत नहीं है. उन्होंने कहा, "हमें इससे कोई आशंका नहीं होनी चाहिए क्योंकि संविधान में पहले से ही भारत का इस्तेमाल है. अगर राष्ट्रपति ने 'भारत' के नाम से (G-20 देशों को) न्योता भेजा है तो मुझे नहीं लगता इस पर कोई दिक्कत होनी चाहिए."
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