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हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा ने विधानसभा चुनावों से पहले शक्ति प्रदर्शन के लिए रोहतक में आज 'परिवर्तन महारैली' की. इस दौरान हुड्डा ने न सिर्फ खट्टर सरकार पर सवाल दागे, बल्कि अपनी ही पार्टी कांग्रेस को भी निशाने पर लिया. हुड्डा ने खासतौर पर आर्टिकल 370 के मुद्दे पर अपनी कड़ी राय रखी और कहा कि देश के मामले में कोई समझौता नहीं हो सकता.
इसके साथ ही हुड्डा ने अपनी रैली से कांग्रेस आलाकमान को भी ये बताने की कोशिश की, कि आने वाले विधानसभा चुनाव में राज्य में पार्टी का नेतृत्व करने का मौका उन्हें दिया जाए.
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“मैं एक देशभक्त परिवार में पैदा हुआ था. जो लोग 370 हटने का विरोध कर रहे हैं, उनको बोलना चाहता हूं-
भूपिंदर हुड्डा ने कहा है कि हरियाणा सरकार अपने 5 सालों का हिसाब देना चाहिए- “370 को हटाने के फैसले की आड़ में न छुपे हरियाणा सरकार, बल्कि अपने 5 सालों का हिसाब दे. हरियाणा के हमारे फौजी भाई भी कश्मीर में तैनात हैं, इसलिए मैंने इसका समर्थन किया है.”
आर्टिकल 370 हटाने के मुद्दे पर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा ने कहा- “जब सरकार कोई अच्छा कदम उठाती है, तो मैं उसका समर्थन करता हूं. मेरे कई साथियों ने 370 को हटाने का विरोध किया. मेरी पार्टी अब भटक गई है. ये पहले वाली कांग्रेस नहीं रही है. देशभक्ति के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं करूंगा.”
दीपेंदर सिंह हुड्डा ने मंच से बीजेपी सरकार के 370 हटाने के फैसले का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि 370 हटाने का वक्त आ गया था. हालांकि उन्होंने 370 हटाने के तरीके पर सरकार के ऊपर सवाल उठाया. हुड्डा के मुताबिक 'हटाना तो ठीक था, लेकिन तरीका सही नहीं था.'
भूपिंदर सिंह हुड्डा के साथ मंच पर कई बड़े कांग्रेसी नेता मौजूद हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इनमें उनके कैंप के 13 विधायक समेत कई पूर्व मंत्री भी शामिल हैं. बता दें प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों में कांग्रेस के पास केवल 16 सीटे हैं.
भूपिंदर सिंह हुड्डा की परिवर्तन महारैली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पोस्टर नहीं लगाए गए. शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखे जा रहे इस कार्यक्रम को हुड्डा का आखिरी ऑप्शन माना जा रहा है. हुड्डा लंबे समय से प्रदेश के पार्टी नेतृत्व में परिवर्तन की मांग कर रहे हैं.
लोकसभा चुनाव में मिली हार ने हुड्डा परिवार के राजनीतिक भविष्य को कमजोर कर दिया है. ऐसे में भूपिंदर सिंह हुड्डा को लग रहा है कि पार्टी में उन्हें किनारे किया जा रहा है.
इसकी दूसरी वजह ये है कि एक वक्त हरियाणा में भूपिंदर सिंह हुड्डा ही कांग्रेस का सबसे बड़ा चेहरा थे. लेकिन अब प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर, हुड्डा परिवार को कांग्रेस में किनारे करने में जुटे हैं.
हाल ही में तंवर ने कहा था कि लोकसभा चुनाव में जिन नेताओं को हार मिली है, उन्हें विधानसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहिए. इससे नए नेताओं को मौका मिलेगा.
हरियाणा विधानसभा चुनाव में अब कुल दो महीने का ही वक्त बचा है. लेकिन कांग्रेस हरियाणा चुनाव में पार्टी का चेहरा बनाने को लेकर असमंजस में बनी हुई है.
दरअसल, पार्टी लोकसभा चुनाव में भूपिंदर सिंह हुड्डा और उनके बेटे दीपेंदर सिंह हुड्डा को मिली हार के बाद उन पर बड़ा दांव लगाने से हिचकिचा रही है.
Published: 18 Aug 2019,09:04 AM IST