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आधार कार्ड को अनिवार्य बनाने के मुद्दे पर राज्यसभा में हंगामा

भारी हंगामे के बावजूद भी वैंकया ने सफाई दी, लेकिन विपक्ष अड़ा रहा.

आईएएनएस
पॉलिटिक्स
Published:
संसद भवन (फोटो: PTI)
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संसद भवन (फोटो: PTI)
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राज्यसभा में गुरुवार को विपक्षी दलों ने सरकारी लाभ पाने के लिए आधार कार्ड के मुद्दे पर जमकर हंगामा किया. विपक्ष सरकार द्वारा गरीबी रेखा से नीचे रह रहे लोगों (बीपीएल) के लिए आधार कार्ड अनिवार्य बनाने के केंद्र सरकार के रुख का विरोध कर रहा है.

विपक्षी दलों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही बाधित हुई. तृणमूल कांग्रेस, वामपंथी, जनता दल (यूनाइटेड), समाजवादी पार्टी (एसपी) और बीजू जनता दल (बीजद) के सदस्यों ने सदन की कार्यवाही शुरू होते ही आधार के मुद्दे को उठाया.

केंद्र ने बिना आधार कार्ड वालों को सब्सिडी नहीं देने को कहा है. देश में 40 प्रतिशत लोगों के पास आधार कार्ड नहीं हैं.
रामगोपाल यादव, नेता, समाजवादी पार्टी
केंद्र इस मुद्दे पर राज्यों से परामर्श नहीं कर रही है.
डेरेक ओब्रायन, नेता, टीएमसी
उड़ीसा में 20 प्रतिशत लोगों के पास आधार कार्ड नहीं हैं. यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है.
दिलीप कमार तिर्की, बीजू जनता दल

हंगामे के बीच बोले वेंकैया

केंद्रीय मंत्री एम.वेंकैया नायडू सदस्यों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर जवाब देने के लिए खड़े हुए, लेकिन विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी. इस पर नायडू ने कहा कि विपक्ष इस मुद्दे का राजनीतिकरण करना चाहता है और जवाब नहीं चाहता.

हंगामे के बीच ही उन्होंने कहा कि आधार कार्ड अनिवार्य नहीं है. नायडू ने कहा, “हम तब तक इसे अनिवार्य नहीं कर सकते जब तक हर किसी के पास आधार कार्ड नहीं हो जाता.”

उन्होंने कहा, “हम संसद में मुद्दे उठाते हैं, ताकि जवाब तलाशे जा सकें. मुझे नहीं लगता कि जब आधार से संबंधित सभी काम पूरे हो जाएंगे तो इसे प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) से जोड़ने में किसी को समस्या हो सकती है. डीबीटी समय की जरूरत है, इससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो जाएंगी.

विपक्ष अड़ा रहा

विपक्षी सदस्य इस मुद्दे को लेकर सभापति पास जमा वेल में जमा हो गए और नारेबाजी शुरू कर दी. उपसभापति पी.जे.कुरियन ने मंत्री के जवाब के बाद भी विपक्षी सदस्यों के इस रवैये को ‘अनुचित’ करार दिया.

इस बढ़ते हंगामे को देख सभापति को तीन बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी.

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