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8 अक्टूबर को पटना के गांधी मैदान में रावण दहन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे. लेकिन बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए. सुशील मोदी की कुर्सी मंच पर लगी थी लेकिन उनकी खाली रही. इनके साथ-साथ इस बीजेपी का दूसरा कोई मंत्री, विधायक या नेता भी कार्यक्रम में नहीं पहुंचे.
सुशील मोदी समेत बीजेपी नेताओं का दशहरा कार्यक्रम में न पहुंचना दिखाता है कि बिहार की बीजेपी-जेडीयू गठबंधन सरकार में सबकुछ सही नहीं चल रहा है.
जेडीयू नेता अजय आलोक ने ट्विटर पर बीजेपी नेताओं पर सवाल उठाया है. उन्होंने लिखा, "क्या हुआ बिहार बीजेपी के नेताओं को? कोई गांधी मैदान में रावण वध में नहीं आया? रावण वध नहीं करना था क्या?"
दरअसल, बिहार में बाढ़ और जलजमाव को लेकर बीजेपी और जेडीयू नेताओं के बीच जुबानी जंग चल रही है. इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बाढ़ के लिए नीतीश कुमार को जिम्मेदार ठहराया था. उन्होंने कहा था कि राज्य प्रशासन राजधानी में बाढ़ की स्थिति के 'कुप्रबंधन' के लिए जिम्मेदार है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए.
गिरिराज के इस बयान पर जेडीयू प्रवक्ता पवन वर्मा ने कहा था कि सीएम नीतीश कुमार पर इस तरह के हमले स्वीकार्य नहीं हैं. बीजेपी को इसे रोकना होगा. बीजेपी जेडीयू के साथ गठबंधन का हिस्सा है.
बिहार में हुई भारी बारिश के बाद पटना के अलावा 14 जिलों में बाढ़ आई है. राज्य में बाढ़ की वजह से मरने वालों का आधिकारिक आंकड़ा 73 तक पहुंच गया है. शहर में अभी भी जाम सीवेज और ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त किया जाना बाकी है. पटना का बड़ा हिस्सा जलमग्न होने से पिछले चार दिनों में फलों और सब्जियों जैसी आवश्यक वस्तुओं के दाम बढ़ गए हैं.
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