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बिहार: कांग्रेस-आरजेडी गठबंधन में दरार, उपचुनाव में हो सकता है आमना-सामना

अब कांग्रेस भी दोनों सीटों पर चुनाव लड़ सकती है और 4 अक्टूबर को अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर सकती है.

उत्कर्ष सिंह
पॉलिटिक्स
Published:
<div class="paragraphs"><p>तेजस्वी यादव और राहुल गांधी</p></div>
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तेजस्वी यादव और राहुल गांधी

क्विंट 

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बिहार में विधानसभा की 2 सीटों पर उपचुनाव (Bihar by-elections) को लेकर कांग्रेस (Congress) और बिहार की प्रमुख विपक्षी पार्टी आरजेडी (RJD) के बीच गठबंधन में दरार पड़ती नजर आ रही है.

आरजेडी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दोनों सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी जिसके बाद कांग्रेस ने इसे पीठ में छूरा घोपना करार दिया. आरजेडी के फैसले के बाद नाराज कांग्रेस भी अब दोनों सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान सकती है.

RJD ने दोनों सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे

आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने 3 अक्टूबर को प्रेस कान्फ्रेंस कर कुशेश्वरस्थान और तारापुर विधानसभा सीट से आरजेडी चुनाव लड़ेगी. उन्होंने लगे हाथ दोनों सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम भी ऐलान भी घोषित कर दिए.

कुशेश्वरस्थान से गणेश भारती उम्मीदवार होंगे जबकि तारापुर से अरुण कुमार साह को टिकट दिया गया है. दोनों सीटों पर RJD के उम्मीदवारों के ऐलान पर कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति जताई है.

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि कुशेश्वर स्थान उनकी सीट थी लेकिन आरजेडी ने गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया. इसलिए अब कांग्रेस भी दोनों सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. खबर ये भी है कि 4 अक्टूबर को कांग्रेस अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर सकती है.

"RJD ने गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया" - कांग्रेस

आरजेडी की तरफ से उम्मीदवारों की घोषणा के बाद कांग्रेस की भी प्रतिक्रिया आई. कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष अशोक राम ने कहा कि आरजेडी ने उपचुनाव के सीट बंटवारे को लेकर उनकी पार्टी के साथ चर्चा नहीं की.

"दोनों सीटों पर उम्मीदवारों के ऐलान से पहले आरजेडी ने हमसे कोई चर्चा नहीं की है. आरजेडी ने गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया. अगर जरूरत पड़ती है तो हम दोनों ही सीटों पर अपने भी उम्मीदवार उतारेंगे हाई कमांड के निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं."
अशोक राम, कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष, बिहार कांग्रेस

अशोक राम खुद 2020 विधानसभा चुनावों में कुशेश्वरस्थान से कांग्रेस के उम्मीदवार थे.

प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान जगदानंद सिंह ने कहा कि "मुझे लगता है कि सभी की सहमति मिलेगी." इससे साफ है कि कांग्रेस से इसे लेकर कोई सहमति नहीं मांगी गई और आरजेडी के उम्मीदवार उतारने का फैसला एकतरफा है.

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जीतन राम मांझी ने भी ली चुटकी

हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने इस पूरी घटना पर चुटकी लेते हुए कांग्रेस को आरजेडी के साथ गठबंधन तोड़ने की सलाह दे डाली.

उन्होंने ट्वीट कर कहा "आरजेडी ने आज एक बार फिर कांग्रेस को उनकी हैसियत बता दी है. अभी भी अगर कांग्रेस आलाकमान को राजद नेतृत्व में अपना भविष्य दिखाई देता है, दिगर बात है. वैसे आज की बेज्जती के बाद कांग्रेस नेतृत्व को चाहिए कि अविलंब राजद के साथ गठबंधन तोड़ ले. शायद इससे उनकी कुछ लाज बच जाए."

इससे पहले जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष और सीपीआई नेता कन्हैया कुमार के कांग्रेस में शामिल होने पर भी दोनों पार्टियों में तल्खी देखी गई थी. आरजेडी का कहना था कि कन्हैया को पार्टी में शामिल कराने से पहले उससे मशविरा नहीं किया गया. आरजेडी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने तो यहां तक कह दिया था कि कन्हैया कांग्रेस को लिए एक और सिद्धू साबित होंगे और पार्टी को बर्बाद कर देंगे.

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