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बिहार (Bihar) में जातिगत गणना (Caste Based Survey) पर केंद्र ने दायर अपने हलफनामे को कुछ ही घंटों में वापस ले लिया है. केंद्र ने अपने हलफनामे में लिखा था कि जनगणना या इसी तरह की कवायद करने का हक केवल केंद्र के पास है. राज्य के पास ऐसा कोई अधिकार नहीं है.
लेकिन कुछ घंटों बाद, केंद्र ने एक नया हलफनामा प्रस्तुत किया जिसमें इस टिप्पणी को हटा दिया गया. नए हलफनामे में कहा गया है कि यह पैराग्राफ "अनजाने" में शामिल किया गया था. केंद्र के इस यू टर्न के बाद राज्य में सियासी सरगर्मी तेज हो गई है. नीतीश कुमार से लेकर तेजस्वी यादव और अन्य नेताओं ने भी बीजेपी पर हमला बोला है.
हलफनामे में कहा गया था कि जनगणना का विषय संविधान के अनुसार संघ की सूची में शामिल है और जनगणना अधिनियम, 1948 केवल केंद्र सरकार को जनगणना करने का अधिकार देता है."
आगे कहा गया, "यह प्रस्तुत किया गया है कि संविधान के तहत या अन्यथा (केंद्र को छोड़कर) कोई भी अन्य निकाय जनगणना या ऐसी कोई कार्रवाई करने का हकदार नहीं है."
इसने यह भी स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार भारत के संविधान और अन्य लागू कानूनों के प्रावधानों के अनुसार एससी/एसटी/एसईबीसी और ओबीसी के उत्थान के लिए सभी सकारात्मक कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है.
केंद्र सरकार द्वारा अपने हलफनामे पर यूटर्न लेने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि, इस मामले में सभी दलों ने केंद्र सरकार से मांग की थी लेकिन केंद्र सरकार ने सभी दलों की मांग को दरकिनार कर दिया था. केंद्र सरकार को 2020 में ही जनगणना करना था लेकिन 4 साल बीत जाने के बाद भी जनगणना नहीं कराया गया.
वहीं उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि बीजेपी का असली चेहरा उजागर हो गया है. रातों रात बीजेपी ने हलफनामा बदल दिया. बीजेपी नहीं चाहती थी कि जाति आधारित कोई गणना हो. अगर आंकड़ा नहीं पता चलेगा तो सही विकास कैसे होगा. सावल ये है कि हलफनामा वापस क्यों लिया गया? ये तो पता ही है जनगणना भारत सरकार का अधिकार है और जातिगत सर्वेक्षण राज्य करवा सकता है.
इस पर बिहार के वित्त मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि, केंद्र नहीं चाहती है कि बिहार में जातीय गणना हो. बीजेपी हमेशा लोगों को भ्रम में रखने का काम करती रही है. अब आपलोग ही बताएं कि बिहार के बीजेपी नेता सही हैं या केंद्र सरकार? विजय चौधरी ने आगे कहा, बीजेपी नेता जातीय गणना के पक्ष में है पर केंद्र विरोध कर रहा है.
आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज कुमार झा ने कहा कि, "यह साबित करता है कि आबादी के इतने बड़े हिस्से को उनके अधिकारों से वंचित करना बीजेपी का लक्ष्य है. प्रधानमंत्री कार्यालय जातिगत सर्वेक्षण को रोकने के लिए हथकंडे अपना रहा है."
उन्होंने आगे कहा कि, "यह अनजाने में नहीं था. यह जानबूझकर किया गया था. मैं सरकार को चेतावनी दे रहा हूं कि यदि आप इस वर्ग के अधिकारों को रोकने की कोशिश करेंगे, तो आप एक ज्वालामुखी पैदा करेंगे.
बिहार बीजेपी अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि, बिहार पार्टी इकाई जाति सर्वेक्षण का समर्थन करती है." हलफनामे पर उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय इसे समझाने में सक्षम होगा. केंद्र ने सर्वेक्षण को रोकने का कोई प्रयास नहीं किया है."
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