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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के राज्यसभा जाने को लेकर कयासों का दौर जारी है. वैसे, इन कयासों का कारण भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का एक बयान है. माना भी जाता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कोई भी बयान यूं ही नहीं देते, इनके पीछे कुछ मायने रहता है. अब जब इसे लेकर चचार्ओं का बाजार गर्म हुआ तब जेडीयू के नेता खुद सफाई देने में भी जुट गए हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी और बिहार के मंत्री संजय कुमार झा ने शुक्रवार को इन चर्चाओं पर विराम देते हुए इसे एक अफवाह बताया है. संजय कुमार झा ट्वीट कर लिखा-
झा ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, "नीतीश कुमार 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए का चेहरा थे लोग इसी आधार पर गठबंधन को वोट देकर सत्ता में लाए. लोगों की सेवा करने की उनकी अटूट प्रतिबद्धता है और उनमें बिहार को बदलने की क्षमता है. मैं सभी से इस तरह के दुष्प्रचार से दूर रहने का आग्रह करता हूं, जिससे कम लाभ होगा,
वैसे, जेडीयू के नेता भले ही अब इन खबरों को अफवाह बता रहे हों, लेकिन इन खबरों के पीछे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का वह बयान ही है, जिसमें उन्होंने कहा था कि वे लोकसभा, विधानसभा और विधान परिषद का सदस्य रह चुके हैं, अब तक राज्यसभा बाकी है.
बीजेपी के कई नेताओं ने यहां तक कह दिया कि अब मुख्यमंत्री राज्यसभा जाएंगें और बीजेपी का कोई नेता मुख्यमंत्री बनेगा, इस बीच हालांकि गुरूवार को मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि उनकी कोई व्यक्तिगत इच्छा राज्यसभा जाने की नहीं है, वैसे, अब यह भी कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री कोई भी बयान ऐसे ही नहीं देते हैं.
चर्चा है कि बीजेपी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उप राष्ट्रपति बनाने को सोच रही है, हालांकि एनडीए का कोई भी नेता इसकी पुष्टि नहीं कर रहा है.
बहरहाल, नीतीश कुमार के राज्यसभा का सदस्य अब तक नहीं बनने को लेकर दिए गए बयान के बाद बिहार की सियासत में चचाओं का बाजार गर्म है और तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं.
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