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बिहार विधानसभा चुनाव में अब कुछ महीने ही बचे हैं इस बीच राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने अपने तीन विधायकों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है. पार्टी ने महेश्वर प्रसाद यादव, प्रेम चौधरी और फराज फातमी को पार्टी-विरोधी गतिविधियों के चलते 6 साल के लिए बर्खास्त कर दिया है. ये तीनों विधायक पिछले कुछ महीनों से पार्टी की लाइन से हटकर बयान दे रहे थे और ऐसा बताया जा रहा था कि ये जेडीयू में जाने का मन बना चुके हैं.
आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह और आलोक मेहता ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इन तीनों विधायकों को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित किए जाने की जानकारी दी. महेश्वर प्रसाद यादव गायघाट से विधायक हैं, प्रेमा चौधरी पातेपुर से और फराज फातमी दरभंगा के केवटी से विधायक हैं.
बिहार में कुछ महीने पहले जल-जीवन-हरियाली और शराबबंदी के पक्ष में नीतीश सरकार के कहने पर मानव श्रृंखला बनाई गई थी, इस दौरान तीनों विधयक अपनी पार्टी आरजेडी के खिलाफ जाकर इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे.
प्रेमा चौधरी ने तो खुलकर नीतीश कुमार की तारीफ की थी और कहा था कि अंतर आत्मा की आवाज सुनकर मानव शृंखला में शामिल होने के लिए आई हैं. प्रेमा चौधरी के साथ-साथ केवटी से विधायक फराज फातमी और गायघाट से विधायक महेश्वर प्रसाद भी मानव शृंखला में शामिल हुए थे. वहीं नीतीश कुमार और आरजेडी के अलग होने के बाद से महेश्वर लगातार नीतीश कुमार की नीतियों की तारीफ कर रहे थे, जिससे पार्टी में नाराजगी थी.
फराज फातमी पूर्व केंद्रीय मंत्री और आरजेडी से चार बार सांसद नेता रहे अली अशरफ फातमी के बेटे हैं. लेकिन 20189 लोकसभा चुनाव में आरजेडी फातमी को टिकट नहीं देकर सीनियर लीडर बारी सिद्दीकी को टिकट दे दिया था. टिकट नहीं मिलने की वजह से अली अशरफ फातमी पार्टी से नाराज हो गए और पार्टी छोड़ दिया था. लेकिन चुनाव के बाद अली अशरफ फातमी जेडीयू में शामिल हो गए. इसी के बाद से फराज फातमी पार्टी से किनारे होते चले गए.
इसी साल फराज फातमी जेडीयू के चूड़ा-दही भोज में शामिल हुए थे, जिसके बाद ये साफ हो गया था कि अपने पिता की राह पर फराज फातमी भी जेडीयू में शामिल होने का मन बना चुके हैं.
इस बीच न्यूज एजेंसी IANS ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि बिहार की सत्ताधारी पार्टी जनता दल (युनाइटेड) को विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा झटका लग सकता है. चर्चा है कि पार्टी के नेता और राज्य के उद्योग मंत्री श्याम रजक जद (यू) छोड़कर फिर से आरजेडी में जा सकते हैं. हालांकि कोई अभी इसकी पुष्टि नहीं कर रहा है. बताया जा रहा है कि रजक कुछ दिनों से पार्टी में अपनी उपेक्षा से नाराज हैं, इसी कारण उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला लिया है.
आरजेडी सरकार में मंत्री रहे रजक साल 2009 में राजद छोड़कर जेडीयू में शामिल हुए थे. लालू प्रसाद के करीबी नेताओं में माने जाने वाले रजक जेडीयू के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीतकर फिर से मंत्री बने.
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