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बिहार बाढ़ से बेहाल है. मौत का आंकड़ा 70 पार हो गया है. ऐसे में बाढ़ के कहर से बचने के लिए क्या तैयारियां की गईं थीं, ये सवाल बिहार सरकार और सीएम नीतीश कुमार से लगातार पूछा जा रहा है. बिहार बाढ़ की जिम्मेदारी नीतीश कुमार की है या नहीं, ये सवाल जब केंद्रीय मंत्री और बिहार सरकार में सहयोगी बीजेपी के वरिष्ठ नेता गिरिराज सिंह से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर इसकी जिम्मेदारी नीतीश कुमार को लेनी चाहिए.
इससे पहले नीतीश कुमार ने बिहार के कई जिलों में आई बाढ़ और अधिक बारिश को जलवायु परिवर्तन का कारण माना है. उन्होंने कहा कि राज्य में कभी सूखा और कभी भारी बारिश जलवायु परिवर्तन के कारण है. नीतीश ने कहा, "जलवायु परिवर्तन के कारण बिहार में सूखा के लिए राहत कार्य चलाए जा रहे थे कि अचानक भारी बारिश से वर्तमान हालात बन गए. इस साल जुलाई में 12-13 जिलों में बाढ़ आई थी. बाद में गंगा नदी में जलस्तर बढ़ गया. ऐसे में अब अचानक हुई भारी बारिश की वजह से पटना के कई इलाकों में बाढ़ के हालात बन गए." उन्होंने कहा, "तालाब, नहर, कुंओं, पोखर से अवैध कब्जा हटाया जा रहा है. जल को लेकर पुरानी प्रथाओं को पुनर्जीवित करेंगे। सार्वजनिक कुंओं को भी ठीक किया जा रहा है."
हाल ही में बीजेपी के ही वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे बिहार की तबाही का कारण हथिया नक्षत्र बता दिया था. अश्विनी चौबे ने कहा था, “बिहार में पिछले कई दिनों से जो बारिश हो रही है, हथिया नक्षत्र की बारिश कभी-कभी काफी गंभीर हो जाती है. वहां पर इसने प्राकृतिक आपदा का रूप ले लिया है. जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. हम लगातार राज्य सरकार से संपर्क में हैं.”
इस दौरान केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने मीडिया से बात करते हुए विपक्ष पर भी बिहार के पिछड़ेपन का ठीकरा फोड़ दिया. उन्होंने कहा कि विपक्ष के चलते बिहार में अभी तक विकास नहीं हो पाया है.
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