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लालू-नीतीश की मुलाकात से बढ़ा सियासी पारा, BJP-मांझी भी एक्टिव,बिहार में कुछ बड़ा होने वाला है?

Bihar Politics: लालू-नीतीश की मुलाकात के बीच बीजेपी विधान मंडल की आपात बैठक भी हुई.

मोहन कुमार
पॉलिटिक्स
Published:
<div class="paragraphs"><p>नीतीश कुमार और लालू यादव</p></div>
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नीतीश कुमार और लालू यादव

(फोटो: क्विंट)

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कड़ाके की ठंड के बीच शुक्रवार, 19 जनवरी को बिहार (Bihar) का राजनीतिक पारा एकाएक बढ़ गया. सुबह-सुबह RJD सुप्रीमो लालू यादव (Lalu Yadav) डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) से मुलाकात करने उनके आवास पहुंचे. देखते ही देखते प्रदेश की राजनीति में बड़े उलटफेर की अटकलें लगाई जाने लगीं. इस बीच बिहार बीजेपी ने आपात बैठक बुलाई. हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संयोजक जीतन राम मांझी के एक ट्वीट ने भी इन कयासों को हवा दी.

जीतनराम मांझी ने ट्वीट किया, "दिल्ली में रहने के बावजूद बिहार के वर्तमान राजनैतिक हालात पर मेरी नजर है. राज्य के राजनैतिक हालात को ध्यान में रखते हुए मैंने अपने सभी माननीय विधायकों को आगामी 25 जनवरी तक पटना में ही रहने का निर्देश दिया है. जो भी हो राज्यहित में होगा."

नीतीश कुमार के फिर से बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में शामिल होने की चर्चा तेज हो गई. वहीं पिछले कुछ दिनों से JDU और नीतीश कुमार को लेकर भी बीजेपी के सुर भी नरम दिखाई दे रहे हैं. ऐसे में इन कयासों और अटकलबाजी को बल मिला.

मुलाकात हुई, क्या बात हुई?

नीतीश कुमार की लालू यादव और तेजस्वी यादव से करीब 45 मिनट तक चर्चा चली. इस बैठक के बाद RJD नेता सीएम आवास से निकल गए. कुछ देर बाद तेजस्वी मीडिया के सामने आए और तमाम अटकलबाजियों पर विराम लगाते हुए कहा, "आप लोग जो सवाल पूछ रहे हैं, कोई जमीनी हकीकत नहीं है. बार बार हमको जस्टिफाई करने की जरूरत नहीं है. एक बात समझिए बिहार से बीजेपी का सूपड़ा साफ होना तय है."

"जब से महागठबंधन बनी है, जब से लालू जी और नीतीश जी एक हुए हैं- तब से बीजेपी पीड़ा में है. इस तरह का अफवाह उड़ाना, इस तरह की झूठी बात करना, एजेंडा चलाने पर मुझे अफसोस है."

क्विंट हिंदी से बातचीत में आरजेडी के प्रवक्ता चितरंजन गगन ने भी सरकार गिरने की अटकलों को खारिज किया है. उन्होंने कहा, "JDU और RJD सरकार में है, ऐसे में सरकार के कामकाज को लेकर ये मुलाकात हुई है."

इसके बाद कहा जाने लगा कि लालू यादव और नीतीश कुमार के बीच लोकसभा चुनाव के लिए सीट शेयरिंग को लेकर चर्चा हुई है. INDIA गठबंधन के तहत सीट शेयरिंग को लेकर सभी पार्टियों के बीच बातचीत चल रही है. हाल ही में कांग्रेस की आम आदमी पार्टी और महाविकास अघाड़ी के सहयोगी दलों के बीच चर्चा हुई थी. वहीं बिहार में भी अभी तक सीट शेयरिंग का क्या फॉर्मूला होगा, ये फाइनल नहीं हुआ है.

सीट शेयरिंग पर तेजस्वी यादव ने कहा,''हम लोग सम्मानजनक सीटों पर लड़ेंगे. JDU जहां लड़ रही है, वहां आरजेडी भी लड़ रही है. JDU हमारे साथ है, हम JDU के साथ हैं. ये चुनाव कोई एक पार्टी नहीं बल्कि मिलकर महागठबंधन लड़ेगा. नीतीश जी के नेतृत्व में हम काम कर रहे हैं.''
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बिहार में क्या होगा सीट शेयरिंग का फॉर्मूला?

अब सवाल उठता है कि बिहार में सीट शेयरिंग का क्या फॉर्मूला होगा? जानकारों की मानें तो कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों की वजह से सीट शेयरिंग का मामला अटका हुआ है. क्विंट हिंदी से बातचीत में वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय ने कहा, "प्रदेश की 40 लोकसभा सीटों में से 16-16 सीटें JDU और RJD को मिल सकती है. वहीं बची हुई 8 सीटों में से 5 सीटें कांग्रेस, दो सीटें CPI(ML) और एक सीट CPI को मिल सकती है.

जानकारों की मानें तो महागठबंधन के बीच अंदरखाने ये भी बातचीत चल रही है कि अगर CPI(ML) दो सीटों पर नहीं मानती है तो RJD दीपांकर भट्टाचार्य को राज्यसभा भेज सकती है.

क्विंट हिंदी से बातचीत में वरिष्ठ पत्रकार मणिकांत ठाकुर ने कहा, "नीतीश कुमार आरजेडी से ज्यादा सीटें लेने की कोशिश करेंगे, कम नहीं. या नहीं तो बराबर पर मानेंगे. बराबरी की बात लेफ्ट और कांग्रेस के प्रेशर पर डिपेंड करेगा." इसके साथ ही वो कहते हैं,

"महागठबंधन में शामिल दलों में सबसे प्रमुख CPI(ML) है. फिलहाल ये सबसे ज्यादा बार्गेनिंग पोजिशन में है. CPI(ML) का दवाब है कि उसे तीन सीट मिले. लेकिन उसको दो से ज्यादा ये लोग देने के लिए तैयार नहीं है."

हालांकि, जानकारों का ये भी कहना है कि नीतीश कुमार चाहते हैं कि RJD अपने कोटे से लेफ्ट को सीटें दें. जिसकी वजह से सीट शेयरिंग की बात अटकी हुई है.

अगर 2019 लोकसभा चुनाव की बात करें तो JDU ने 16 सीटें जीती थी. RJD को एक भी सीट नहीं मिली थी. कांग्रेस के खाते में 1 सीट आई थी. वहीं वाम दलों का भी खाता नहीं खुला था. तब बीजेपी ने 17 और लोक जनशक्ति पार्टी ने 6 सीटों पर कब्जा जमाया था. इस तरह से वर्तमान में महागठबंधन के खाते में 17 लोकसभा सीटें हैं. वहीं NDA के खाते में 23 सीटें हैं.

बीजेपी की बैठक में क्या हुआ?

नीतीश-लालू मुलाकात के बीच बीजेपी विधान मंडल दल की आपात बैठक नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा के आवास पर हुई. उन्होंने ट्वीट कर जानकारी दी कि मीटिंग में आगामी विधानसभा सत्र के दौरान विपक्ष की सशक्त भूमिका और आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी और संगठन की रणनीतियों को लेकर चर्चा हुई.

बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में विजय सिन्हा ने कहा, "लालू जी और तेजस्वी जी अपने किए कर्मों के कारण परेशान हैं, सत्ता से हटने से डर लग रहा है. चोर दरवाजे से आकर जनादेश का दुरुपयोग करना चाह रहे हैं. भ्रष्टाचार चरम पर है, अपराध बेलगाम हो चुका है. इनके भ्रष्टाचार और अपराध को रोकने के लिए हमने रणनीति बनाई है."

बहरहाल, दिनभर चले तमाम हलचलों के बाद बिहार में फिलहाल राजनीति उलटफेर की बात ठंडी पड़ गई है. लेकिन अब देखना होगा कि सीट शेयरिंग पर INDIA और NDA गठबंधन में क्या फैसला होता है.

यहां NDA की बात इसलिए हो रही है क्योंकि NDA में भी जीतनराम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), चिराग पासवान से अलग हुए पशुपति पारस की लोक जनशक्ति पार्टी, उपेंद्र कुशवाहा और बीजेपी के बीच सीट शेयरिंग को लेकर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है.

(इनपुट: महीप राज)

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