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कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने रविवार को कहा कि उनकी सरकार बिटकॉइन घोटाले में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेगी.
पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि देने के बाद मीडियाकर्मियों से बात करते हुए, बोम्मई ने कहा कि इसमें शामिल किसी को भी बख्शने का कोई सवाल ही नहीं है.
उन्होंने कहा, हमारी सरकार इस मुद्दे पर खुली है. हमने ही इस मामले का पर्दाफाश किया है. यह हमारी सरकार है, जिसने मामले की जांच के लिए ईडी और सीबीआई की सिफारिश की. ईडी जांच कर रही है और सीबीआई इसे इंटरपोल भी ले गई है. इन एजेंसियों को सभी जरूरी सूचनाएं मुहैया करा दी गई हैं.
बोम्मई ने कहा कि अगर इसमें शामिल लोगों को देश, राज्य या किसी भी व्यक्ति के हितों के साथ धोखाधड़ी करते पाया जाता है, तो हम उनके खिलाफ निर्दयतापूर्वक कार्रवाई करेंगे.
कर्नाटक के एआईसीसी प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला द्वारा उठाए गए सवालों पर प्रतिक्रिया देते हुए बोम्मई ने कड़ा जवाब देते हुए कहा, हमने उनके छह सवालों के जवाब दिए हैं. अगर मामले का कर्नाटक से संबंध 2016 से था तो उनकी अपनी सरकार ने मामले की जांच क्यों नहीं की. तत्कालीन कांग्रेस के मुख्यमंत्री और मंत्रियों ने इस पर ध्यान क्यों नहीं दिया? उन्होंने गिरफ्तार आरोपी श्रीकृष्ण को रिहा कर दिया.
जब आरोपी ने अग्रिम जमानत मांगी थी, तब भी वे गंभीरता से काम कर सकते थे. आप जानबूझकर मामले को बड़ा अनुपात प्राप्त करने की अनुमति देने के बाद सवाल क्यों उठा रहे हैं? हमें उन लोगों से सबक सीखने की जरूरत नहीं है जिन्होंने आरोपी को मुक्त होने दिया.
बोम्मई ने कहा कि उनके लिए बेहतर होगा कि वे प्रभावी जांच के लिए ईडी को दस्तावेज, यदि कोई हों, उपलब्ध कराएं. इस मुद्दे को एक बड़े घोटाले के रूप में पेश करने के सुरजेवाला के प्रयास उनके बौद्धिक दिवालियेपन को दर्शाता है.
किसी राष्ट्रीय पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता के लिए केवल एक ट्विटर हैंडल के आधार पर इस तरह के कृत्य में शामिल होना उचित नहीं है. उन्हें परिस्थितिजन्य साक्ष्य के साथ बोलना चाहिए.
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