advertisement
दिल्ली में 'हुनर हाट' भले ही रविवार को खत्म हो रहा है, लेकिन इसने अपने पीछे लिट्टी-चोखा पर सियासत जरूर शुरू कर दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 19 फरवरी को हुनर हाट में लिट्टी चोखा खाते ही, राजनेताओं में खासकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेताओं में लिट्टी-चोखा खाने की होड़ सी लग गई है. एक के बाद एक कई नेता हुनर हाट में प्रधानमंत्री के स्वाद में ही अपना स्वाद खोजते नजर आए.
हुनर हाट में लिट्टी-चोखा के अलावा कई शाकाहारी और नॉनवेज स्टॉल भी लगे हैं, जो स्वाद में किसी भी व्यजंन से कम नहीं हैं, लेकिन प्रधानमंत्री चूंकि शाकाहारी हैं और उन स्टॉल तक वो गए भी नहीं, लिहाजा नेताओ में से किसी ने भी उधर की ओर रुख नहीं किया. वैसे लोगों की मानें तो हुनर हाट में लगाया गया लिट्टी-चोखा का काउंटर बाकी व्यंजनों की अपेक्षा काफी फीका था और उसका दाम भी काफी रखा गया था. इसके बावजूद प्रधानमंत्री के लिट्टी-चोखा का स्वाद चखने के बाद राजनेताओं में इसे चखने की होड़ सी लग गई और बिहार की चुनावी सियासत भी चल निकली.
हालांकि, इस पर दिल्ली से बिहार तक की सियासत लिट्टी-चोखा मय हो गई है. राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता तेजस्वी यादव ने पीएम मोदी को प्रसिद्ध बिहारी व्यंजन खाने के लिए शुक्रिया कहा. इसके साथ ही उन्होंने बिहार के लिए स्पेशल स्टेटस, स्पेशल पैकेज का फंड, बाढ़ राहत फंड और आयुष्मान भारत के फंड के लंबित होने की बात करते हुए पीएम मोदी को इस तरफ ध्यान देने के लिए कहा.
वहीं तेजस्वी के भाई तेजप्रताप ने ट्वीट कर कहा, ''कतनो खईब लिट्टी चोखा, बिहार ना भुली राउर धोखा..!''
इसके बाद बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर कहा कि "प्रधानमंत्री के लिट्टी-चोखा खाने पर बिहार में कुछ लोगों के पेट में दर्द होने लगा है. यह सुखद संयोग था कि जिस दिन बिहार सरकार किसानों से पटना में संवाद कर रही थी, किसानों की आमदनी दोगुनी करने के उपायों पर चर्चा कर रही थी और हर हिंदुस्तानी की थाली तक बिहारी व्यंजन पहुंचाने का सपना पूरा करने के लिए कुछ फैसले कर रही थी, उस दिन दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बड़े चाव से प्रसिद्ध बिहारी व्यंजन लिट्टी-चोखा का स्वाद ले रहे थे. प्रधानमंत्री ने लिट्टी-चोखा और अनरसा खाकर इस व्यंजन का ही नहीं, किसानों और मजदूरों का भी मान बढ़ाया है."
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
Published: undefined