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भारतीय जनता पार्टी की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के पहले दिन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला. शाह ने महागठबंधन को सीधे-सीधे ढकोसले, भ्रांति और झूठ पर आधारित संगठन करार दे दिया. मीटिंग का मुख्य मुद्दा 2019 का लोकसभा और आने वाले प्रदेश चुनाव रहे. मीटिंग में तय हुआ कि सरकारी योजनाओं और 4 साल के काम को जनता के बीच ले जाने के लिए पार्टी आने वाले दिनों में कई प्रोग्राम लॉन्च करेगी.
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के मुताबिक, ‘जिन 19 राज्यों में बीजेपी शासन में है वहां मजबूती के साथ दोबारा जीतेगी. वहीं बंगाल, केरल जैसे राज्यों में पार्टी को एंटी-इंकमबेंसी का लाभ मिलेगा.’ मीटिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्तमंत्री अरुण जेटली समेत सभी बड़े नेता मौजूद थे.
ट्रिपल तलाक के मामले में भी कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया गया. अमित शाह ने कहा कि जहां ज्यादातर इस्लामिक देशों में इसके खिलाफ कानून बन चुका है, वहीं भारत जैसे देश में कांग्रेस की राजनीति की वजह से ये अटका हुआ है. उन्होंने कांग्रेस को देश तोड़ने वाली पार्टी करार दिया. अविश्वास प्रस्ताव पर भी कांग्रेस पर बीजेपी ने वार किया.
अर्बन नक्सल के मामले पर पूरे देश में बहस छिड़ी हुई है. इस मुद्दे पर बीजेपी ने अपना रुख साफ करते हुए महाराष्ट्र सरकार की कार्रवाई को जायज ठहराया. अध्यक्ष अमित शाह ने अर्बन नक्सलियों के मुद्दे पर महाराष्ट्र सरकार को कार्रवाई के लिए बधाई तक दी. बीजपी के मुताबिक अर्बन नक्सल के मुद्दे पर कांग्रेस वोट-बैंक की राजनीति कर रही है.
साथ ही मीटिंग में असम के एनआरसी मुद्दे पर चर्चा के वक्त बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि अगर अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों से हिंदू, सिख, बौध, ईसाई या फिर जैन शरणार्थी आते हैं तो उन्हें बिना किसी हिचकिचाहट के देश में जगह मिलेगी. हालांकि इस मुद्दे पर बात करते हुए अमित शाह ने मुसलमानों का एक बार भी नाम नहीं लिया.
इकनॉमी के मुद्दे पर भी अमित शाह ने सरकार की पीठ थपथपाई और कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था आगे बढ़ी है और आर्थिक सुधार हुए हैं. अमित शाह ने कांग्रेस नेता पी चिदंबरम पर निशाना साधते हुए कहा कि चिदंबरम एंड कंपनी को कार्यकर्ताओं द्वारा चुनौती दी जानी चाहिए कि वो फैक्ट के आधार पर इकोनॉमी, जीडीपी और जीएसटी के बारे में बहस करें.
राष्ट्रीय कार्यकारिणी के उद्घाटन भाषण में शाह ने अटल बिहारी वाजपेयी को भी याद किया. अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के बाद राष्ट्रीय कार्यकारिणी की ये पहली बैठक है. शाह ने कहा, ' अटल जी के बारे में कहने को मेरे पास शब्द नहीं हैं. उनके चले जाने से भारतीय राजनीति में स्थान रिक्त हो गया है. इसकी भरपाई नहीं हो सकती.'
इसके अलावा बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों और एससी-एसटी एक्ट को लेकर सवर्णों के आंदोलन जैसे मुद्दों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. दो दिन तक चलने वाली इस बैठक का समापन रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण से होगा जिसमें बीजेपी के ‘मिशन-2019’ की तस्वीर और ज्यादा साफ होगी.
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Published: 08 Sep 2018,07:43 PM IST