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कर्नाटक विधानसभा चुनाव (Karnataka Assemby Election) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की करारी हार के बाद कई सवाल उठने लगे हैं. सवाल ये कि क्या 2019 के लोकसभा चुनाव में धीरे-धीरे मोदी मैजिक फीका पड़ रहा है? इसे समझने के लिए 2019 के बाद हुए विधानसभा चुनावों और उनके नतीजों को खंगालने की कोशिश करते हैं.
कर्नाटक के अलावा 2019 के बाद देश के विभिन्न राज्यों में 19 विधानसभा चुनाव हुए. सभी चुनावों की कुल 2413 सीटों में से बीजेपी ने 978 सीटों पर जीत दर्ज की, वहीं कांग्रेस के हिस्से में 269 सीटें आई हैं. यानी बीजेपी ने कुल सीट में से 40% पर जीत हासिल की. वहीं कांग्रेस ने 11% पर. एक-एक कर राज्यों और उनके नतीजों को देखते हैं.
पिछले दिनों पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा था कि बिहार विधानसभा चुनाव जीतने के बाद भी 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी के प्रदर्शन में गिरावट नजर आ रही है.
साल 2019 में हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 90 में से केवल 40 सीटों पर जीत दर्ज की और बहुमत से पीछे रह गई. इस चुनाव में बीजेपी को 36.49% वोट मिल सका था. इसके बाद बीजेपी को दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व वाली जननायक जनता पार्टी (JJP) के साथ गठबंधन करना पड़ा, जिसने 10 सीटें जीतीं थी.
अगर इसके पांच साल पहले हुए चुनाव पर नजर डाली जाए तो बीजेपी ने 2014 में 47 सीटों पर जीत दर्ज करते हुए सरकार बनाई थी.
महाराष्ट्र में अक्टूबर 2019 के दौरान विधानसभा चुनाव हुआ, जिसमें कोई भी पार्टी बहुमत का आंकड़ा नहीं छू सकी थी. इस चुनाव में बीजेपी के खाते में 227 में से केवल 105 सीटें आई थीं. सिर्फ 25.75 फीसदी वोट ही मिला था. दूसरे नंबर पर 56 सीटों के साथ शिवसेना थी.
गौर करने वाली बात ये है कि 2014 के मुकाबले भारतीय जनता पार्टी को इस साल 17 सीटों का नुकसान हुआ था, क्योंकि 2014 में बीजेपी को महाराष्ट्र विधान सभा चुनाव के दौरान 122 सीटें मिली थीं.
2019 के झारखंड विधानसभा चुनाव में बीजेपी 81 में से सिर्फ 25 सीटों पर जीती थी, जिसका वोट प्रतिशत 33.37 था. वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) 30 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी और हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री बने.
2014 में, बीजेपी-ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (AJSU) गठबंधन ने बहुमत के निशान (42) से एक सीट ऊपर हासिल की थी. इस साल बीजेपी के खाते में 37 सीटें थीं.
2020 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 70 में से 8 सीटें मिलीं, जो पिछले विधानसभा चुनाव से पांच सीटें ज्यादा थीं. यहां पर केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP) ने सरकार बनाई.
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में बीजेपी ने 236 में से 74 सीटें जीती थीं और जेडीयू, वीआईपी और एसएपी(एस) के साथ मिलकर सरकार बनाई थी, जो बाद में टूट गई.
इससे पहले 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 53 सीटें और 24.42 फीसदी वोट मिला था. 2010 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 91 सीटें मिली थीं.
पिछले साल पश्चिम बंगाल में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को केवल 77 सीटें ही मिल सकी थीं और ममता बनर्जी की टीएमसी ने 212 सीटें हासिल करते हुए सरकार बनाई थी. अगर 2016 में हुए चुनाव की बात करें तो इस चुनाव में भी बीजेपी को 77 सीटें ही मिल सकी थीं.
2021 के असम विधानसभा चुनाव में 126 में से भारतीय जनता पार्टी को 60 सीटें मिली थीं, तो वहीं कांग्रेस के खाते में 29 सीटें आई थीं.
केरल विधानसभा चुनाव में बीजेपी एक भी सीट जीतने में कामयाब नहीं हो पाई थी. इस दौरान एलडीएफ (लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट) गठबंधन ने मिलकर सरकार प्रदेश में सरकार बनाई. एलडीएफ में शामिल पार्टियों के सीटों की बात करें तो, सीपीआई(एम) को 62, कांग्रेस को 21 और सीपीआई के हिस्से में 17 सीटें आई थीं.
केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में अप्रैल 2021 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी गठबंधन 16 सीटों के साथ बहुमत पाने में कामयाब रही. इस दौरान बीजेपी की सहयोगी पार्टी AINRC को 10 सीटें और बीजेपी को 6 सीटें मिली थीं. अगर कांग्रेस की बात करें, तो उसके हिस्से में 2 सीटें आई थीं.
पिछले साल गोवा में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी को 40 में से 20 सीटें मिलीं, जिसका वोटिंग परसेंट 33.31% था. इस दौरान कांग्रेस पार्टी को 11 सीटों के साथ ही संतोष करना पड़ा.
अगर 2017 में हुए चुनाव से तुलना की जाए तो बीजेपी ने बढ़त हासिल की है और कांग्रेस को नुकसान हुआ है. क्योंकि 2017 में कांग्रेस को 17 सीटें मिली थी तो वहीं दूसरी ओर बीजेपी को 13 सीटों पर ही जीत मिली थी.
पिछले साल फरवरी में हुए पंजाब विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 117 सीटों में से केवल 2 सीटों पर जीत मिली और 92 सीटों का बहुमत हासिल करते हुए आम आदमी पार्टी ने सरकार बनाई. अगर बीजेपी के वोट प्रतिशत की बात करें तो 6.60% रहा.
वहीं अगर 2017 में हुए विधानसभा चुनाव की बात करें तो बीजेपी को 3 सीटें मिली थी और कांग्रेस ने 77 सीटों के बहुमत के साथ सरकार बनाई थी.
पिछले साल फरवरी में हुए उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 70 में से 47 सीटों पर जीत मिली. पार्टी को मिले वोट का आंकड़ा 44.33% रहा. दूसरे नंबर पर कांग्रेस थी, जिसको 19 सीटों के साथ ही संतोष करना पड़ा था.
वहीं अगर 2017 में हुए विधानसभा चुनाव पर नजर डालें तो बीजेपी के खाते में कुल 56 सीटें गई थीं. इस दौरान बीजेपी का वोट प्रतिश 46.5 था.
मणिपुर विधानसभा चुनाव में भरतीय जनता पार्टी को 37.83 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 60 में से 32 सीटों पर जीत मिली. वहीं दूसरे नंबर पर नेशनल पीपल्स पार्टी (NPP) रही, जिसको सिर्फ 7 सीटें ही मिल सकी थीं.
अगर साल 2017 में हुए चुनाव पर नजर डालें तो इस चुनाव में बीजेपी को बीजेपी को 21 और कांग्रेस को 28 सीटों पर जीत मिली थी.
पिछले साल 2022 विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 403 में से 255 सीटों पर जीतते हुए बड़ी जीत हासिल की. इस दौरान बीजेपी का वोट पर्सेंट 41.29 रहा. वहीं दूसरे नंबर पर 111 सीटों के साथ समाजवादी पार्टी रही.
इससे पहले 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को कुल 312 सीटों पर जीत मिली.
पिछले साल नवंबर में हुए हिमाचल प्रदेश चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 68 में केवल 25 सीटों पर जीत मिली. इस चुनाव में बीजेपी का वोट शेयर 43 प्रतिशत था. दूसरी ओर 40 सीटों पर अपना परचम लहराते हुए कांग्रेस ने सरकार बनाई. लेकिन वोट शेयर में बहुत ज्यादा अंतर नहीं रहा क्योंकि इस बार कांग्रेस का वोट शेयर 43.9 प्रतिश रहा.
वहीं अगर 2017 के विधानसभा चुनाव की बात की जाए तो बीजेपी ने 44 सीटों पर जीत हासिल की थी और कांग्रेस को सिर्फ 21 सीटें ही मिल सकी थीं.
पिछले साल हुए गुजरात विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी कुल 182 विधानसभा सीटों में से 156 सीटों पर जीत हासिल की. बता दें कि यह राज्य में बीजेपी की सातवीं जीत थी. इस दौरान कांग्रेस पार्टी ने 17 सीटों पर जीत हासिल की और आम आदमी पार्टी ने 5 सीटों पर जीत के साथ अपना खाता खोला.
अगर इससे पहले 2017 के विधानसभा चुनाव पर नजर डालें तो बीजेपी ने 99 सीटों और कांग्रेस 77 सीटों पर जीत हासिल की थी.
पिछले दिनों त्रिपुरा में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने 60 में से 32 सीटों पर अपना परचम लहराते हुए सरकार बनाई, जिसका वोट शेयर 39 फीसदी रहा. इस चुनाव में टिपरा मोथा पार्टी 13 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर रही.
इससे पहले 2018 में हुए विधानसभा चुनाव पर नजर डालें तो बीजेपी को 36 सीटें मिल थी. इस दौरान दूसरे नंबर पर सीपीएम थी, जिसको 16 सीटें मिली थी.
पिछले दिनों मेघालय विधानसभा में बीजेपी के प्रदर्शन की बात करें तो पार्टी को यहां 9.33 फीसदी वोट शेयर के साथ 59 सीटों में से सिर्फ 2 सीटों पर ही जीत मिली थी. नेशनल पीपल्स पार्टी (NPP) ने जीत हासिल करते हुए यहां सरकार बनाई थी. इस चुनाव में दूसरे नंबर पर नेशनल डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) थी, जिसको 11 सीटों पर जीत मिली थी.
इससे पहले 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी को सिर्फ 2 सीटें ही मिल सकी थीं.
पिछले दिनों नागालैंड विधानसभा में बीजेपी के प्रदर्शन की बात करें तो पार्टी को यहां 18.81 फीसदी वोट शेयर के साथ 60 सीटों में से सिर्फ 12 सीटों पर ही जीत मिली थी. इस दौरान नेशनल डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (NDPP) ने 25 सीटों पर जीत हासिल की थी.
अगर इससे पहले 2018 में हुए विधानसभा चुनाव की बात करें तो बीजेपी को 20 सीटों जीत मिली थी.
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